उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही संगीन मामलों में आरोपित नेताओं पर कानून का शिकंजा कसा जाने लगा है। समाजवादी पार्टी के कई नेताओं पर ऐसे मामलों में कार्यवाई की जा चुकी है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के लालकुर्ती थाना क्षेत्र में 8 साल पूर्व हुए जानलेवा हमले में फरार चल रहे समाजवादी पार्टी सरकार के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनके ऊपर कोर्ट से वारंट जारी हो चुका था।
सपा के पूर्व मंत्री हुए गिरफ्तार :
मेरठ पुलिस ने बताया कि लालकुर्ती थाना क्षेत्र में 8 वर्ष पूर्व हुए एक जानलेवा हमले में वादी ने पांचली बुजुर्ग निवासी फारूख हसन पुत्र इकबाल को नामजद किया था। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ने उसे मार्च 2016 को हस्तशिल्प निगम में उपाध्यक्ष बनाया था। इसके अलावा उसका काफी राजनीतिक रसूख भी था जिस कारण पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं सकी। वह कोर्ट के आदेश को भी हवा में उड़ाता रहा और खुला घूम रहा था। 2 माह पूर्व कोर्ट ने उसके घर की कुर्की वारंट जारी कर दिए थे। इसके बाद मंगलवार देर रात पुलिस ने मुखबिर की सूचना पाकर आरोपित को गांव से दबोचकर जेल भेज दिया है।
[penci_blockquote style=”style-2″ align=”none” author=””]सपा सरकार ने उसे मार्च 2016 को हस्तशिल्प निगम में उपाध्यक्ष बनाया था[/penci_blockquote]
पुलिस पर लगाया आरोप :
पूर्व मंत्री फारुख हसन पर 2010 में बलवे और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ था। वह तत्कालीन केतन कॉम्प्लेक्स स्थित शिवसेना के कार्यालय पर हमला और तोड़फोड़ के मामले में भी वांछित था। वादी धर्मेंद्र तोमर निवासी फूलबाग कॉलोनी की तरफ से ये मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस की इस कार्यवाई पर पूर्व मंत्री फारूख हसन का कहना है कि 2010 में धरना प्रदर्शन किया था जिसमें वारंट जारी किया गया था। लेकिन पुलिस की जानिब से कोई सूचना नहीं मिली और मुझे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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