आगामी लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी से अलग होकर सेक्युलर मोर्चा बनाकर शिवपाल यादव ने अपने आक्रामक तेवर दिखाए हैं। शिवपाल का कहना है कि सपा के असंतुष्ट और दरकिनार कर दिए गए नेताओं के लिए ही ये सेक्युलर मोर्चा बनाया गया है। शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद एक के बाद एक नेताओं का इसमें शामिल होना शुरू हो गया है। इसी क्रम में मुलायम सिंह यादव के करीबी और इटावा के पूर्व विधायक को सेक्युलर मोर्चा में शामिल कराकर शिवपाल ने अखिलेश को बड़ा झटका दिया है।
पूर्व विधायक ने ज्वाइन किया सेक्युलर मोर्चा :
समाजवादी पार्टी से अलग राह पर निकल चुके शिवपाल सिंह यादव अब समाजवादी सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करने में जुट गए हैं। इसमें नेताओं के ज्वाइन करने का सिलसिला लगातार जारी है। शिवपाल ने समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए इटावा सदर से विधायक रह चुके रघुराज सिंह शाक्य को अपने सेक्युलर मोर्चे में शामिल कराया है। इनके पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे डुमरियागंज के पूर्व विधायक मलिक कमाल यूसुफ भी बसपा छोड़ कर शिवपाल यादव के साथ आ चुके हैं।
[penci_blockquote style=”style-2″ align=”none” author=””]सेक्युलर मोर्चे में नेताओं के शामिल होने का सिलसिला जारी है[/penci_blockquote]
2017 में छोड़ दी थी सपा :
सपा से 2 बार सांसद और 1 बार विधायक रह चुके रघुराज सिंह शाक्य शिवपाल और मुलायम खेमे के नेता हैं। उन्होंने 2017 में विधानसभा चुनाव के समय समाजवादी कुनबे में शुरू हुई रार के बाद समर्थकों संग समाजवादी पार्टी छोड़ दी थी। राजनीति में रघुराज को लेन का श्रेय विधायक शिवपाल सिंह यादव को जाता है। यही कारण था कि सपा में शिवपाल यादव को दरकिनार कर दिए जाने के कारण उन्होंने सैकड़ों समर्थकों के साथ सपा से इस्तीफा दे दिया था। अब शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा बनाने के साथ ही वे भी उनके साथ हो गए हैं। देखना है कि शिवपाल के इस दांव से अखिलेश की कितनी मुश्किलें बढ़ती हैं।
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