किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पिछले माह अक्टूबर में हुई रैगिंग के मामले में 2017 बैच के चार मेडिकोज को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। यहां 2018 एमबीबीएस-बीडीएस बैच के स्टूडेंट्स ने 12 अक्टूबर को एंटी रैगिंग सेल दिल्ली को मेल कर शिकायत की थी। केजीएमयू ने छह स्टूडेंट्स को दोषी मानते हुए जांच बैठाई थी। छह सीनियर्स पर रैगिंग करने का आरोप सही साबित हुए हैं। चीफ प्रॉक्टर ने सभी के कॉल डिटेल निकलवाए जिससे इसकी पुष्टि हुई है। जिसके बाद मामले की जांच कर रही छह सदस्यीय कमेटी की संस्तुति पर चार सीनियर्स को तीन माह के लिए कोर्स व हॉस्टल से सस्पेंड कर दिया है। साथ ही दो को कठोर चेतावनी जारी की है। ताकि भविष्य में रैगिंग पर लगाम लगाई जा सके। केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा ने बताया कि एंटी रैगिंग गाइडलाइंस का कठोरता से पालन कराया जा रहा है। जो दोषी पाए गए हैं उन्हें दंडित किया गया है। आगे भी जो रैगिंग करता पाया गया उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि केजीएमयू के न्यू चक्रवर्ती हॉस्टल में फोन और हॉस्टल के पीछे स्थित खिड़की से बुलाकर जूनियर्स की रैगिंग की जा रही थी। मामले में केजीएमयू प्रशासन ने 15 अक्टूबर को जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे। जांच कमेटी बैठी और केजीएमयू के अधिकारियों ने हॉस्टल में छापा मारा तो सीनियर्स में हड़कंप मच गया। जांच कमेटी के सदस्यों ने आरोपियों को बुलाया और जूनियर्स के मोबाइल खंगाले तो पता चला कि सीनियर्स ने सभी जूनियर छात्रों की फोन कर कॉल डिटेल डिलीट करा दी है। रैगिंग की दहशत इतनी थी कि कोई भी जूनियर छात्र सीनियर्स के नाम बताने को राजी नहीं हुआ जबकि जांच टीम के बाद शिकायतों की लिस्ट थी। मेडिकोज ने आरोप लगाया था कि सीनियर्स जूनियर छात्रों के नंबर पर कॉल करके उनकी रैगिंग करते थे। ज्यादातर कॉल्स रात में होती थी और सीनियर आदेश देते थे। पकड़े न जाएं इसके लिए वाट्सएप के द्वारा ऑडियो और वीडियो कॉल का भी प्रयोग किया जाता था। कॉल के द्वारा हॉस्टल में छात्रों को एक कमरे में एकत्र कर उनसे डांस करने, कपड़े उतारने, मुर्गा बनने, अश्लील साहित्य रटने का दबाव डालते थे।
केजीएमयू प्रशासन ने 2017 बैच के हरदीप सिंह राना, गुलाम हसन, राम प्रवेश गुप्ता और अनिमेष तरैया को दोषी पाते हुए उन्हें तीन माह के लिए कोर्स और हॉस्टल से सस्पेंड किया है। मतलब इस अवधि में न तो वे क्लास अटेंड कर सकेंगे और न ही हॉस्टल में रह सकेंगे। मतलब ये अपने बैचमेट से तीन माह पीछे हो जाएंगे। इसके अलावा अंचल जैन और उत्कर्ष गंगवार को कठोर चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा सभी से कहा गया है कि उनके पैरेंट इस बात का एफीडेविट दें कि ये छात्र भविष्य में रैगिंग नहीं करेंगे। दोबारा रैगिंग करते पाए जाने पर उन्हें कोर्स से निष्कासित कर दिया जाएगा। मेडिकोज ने बताया कि बहुत से मेडिकोज ने डर के कारण डिटेल को डिलीट भी कर दिया था। लेकिन कॉल डिटेल में सब साबित हो गया। जांच के दौरान कई छात्रों के मोबाइल में अश्लील साहित्य भी बरामद हुआ। जिसे 24 घंटे में रटकर सुनाने के आदेश दिए गए थे। प्रो़ जीपी सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने 2017 बैच के चार मेडिकोज हरदीप सिंह राना, गुलाम हसन, रामप्रवेश गुप्ता और अनिमेष तरैया को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं उत्कर्ष गंगवार और अंचल जैन को चेतावनी दी है। चीफ प्रॉक्टर प्रो़ आर एस कुशवाहा ने बताया कि दोषी मेडिकोज के अभिभावकों से शपथ पत्र भी लिया जाएगा।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]