उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद आखिरकार रविवार को आधिकारिक तौर पर यूपी को अपना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रूप में मिल गया है। योगी आदित्यनाथ ने यूपी के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ग्रहण की। इनके साथ ही दो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और दिनेश शर्मा ने भी शपथ ग्रहण की। इस दौरान यूपी के मंत्रिमंडल दल के नेताओं ने भी शपथ ग्रहण की। यूपी के मंत्रिमंडल दल की शपथ ग्रहण करने वालों में लखनऊ के चार विधायक भी शामिल है।
राजधानी से चुने गए चार मंत्री
- उत्तर प्रदेश की जनता को रविवार को एक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री मिल गए हैं।
- इसी के साथ शपथ ग्रहण समारोह 22 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की।
- वहीं योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में लखनऊ से चार विधायकों को मंत्री के तौर पर चुना गया है।
रीता बहुगुणा जोशी
- योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में रीता बहुगुणा जोशी को जगह मिली है।
- रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हुई थी।
- उन्होंने बीजेपी के टिकट पर कैंट विधानसभा से मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव को हराया था।
- माना जा रहा है इसी के इनाम के तौर पर इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है।
बृजेश पाठक
- बृजेश पाठक ने लखनऊ मध्य से सपा के रविदास महरोत्रा को शिकस्त दी थी।
- पाठक बसपा का ब्राह्मण चेहरा थे, जो 2017 चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे।
- सपा की सीट बीजेपी के पाले में लाने वाले इस नेता को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
आशुतोष टंडन
- आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ को योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
- आशुतोष टंडन लखनऊ सांसद लालजी टंडन के बेटे हैं।
- 2014 उपचुनाव में अशुतोष लखनऊ पूर्व से विधायक बने थे।
- वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में इन्होंने कांगेस के अनुराग सिंह को भारी वोटों से हराया है।
स्वाति सिंह
- स्वाति सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह की पत्नी हैं।
- इन्हें योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है।
- बता दें दयाशंकर सिंह को पार्टी से निष्कासित किए जाऩे के बाद स्वाति सिंह चर्चा में आई थी।
- दरअसल चुनाव से पूर्व दयाशंकर सिंह ने मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था।
- इस पर कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था।
- हालांकि बसपा समर्थकों ने स्वाति सिंह और बेटी पर आपत्तिजनक पलटवार किया था।
- इसके बाद स्वाति सिंह ने बसपा और मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
- स्वाति सिंह ने जिस निडरता से बसपा का सामना किया,
- इसे देखते हुए बीजेपी ने स्वाति सिंह को अपना पूरा सपोर्ट दिया।