यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली रेलवे स्टेशन के पास पिछले शनिवार को पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस (Kalinga Utkal Express derailment) के पटरी से उतरने के पीछे लापरवाही की बात रेलवे के अफसरों ने लगभग मान ली है।
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- रेल मंत्री सुरेश प्रभु के अल्टिमेटम के बाद रविवार शाम बड़ी कार्रवाई के तहत 4 अफसर सस्पेंड कर दिए गए। रेलवे बोर्ड के एक मेंबर समेत 3 टॉप अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया गया।
- जबकि एक का तबादला किया गया है।
- इस हादसे में 23 लोगों की मौत हो चुकी है, 100 से ज्यादा घायल हैं।
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इन पर हुई कार्रवाई
- रेलवे द्वारा छुट्टी पर भेजे गए अफसरों में रेलवे बोर्ड के मेंबर (इंजीिनयर), दिल्ली के डीआरएम और जीएम (उत्तर रेलवे) हैं।
- रेलवे बोर्ड के मेंबर सचिव स्तर के अधिकारी होते हैं।
- चीफ ट्रैक इंजीनियर (नॉर्दर्न रेलवे) का तबादला हुआ है।
- जूनियर इंजीनियर (ट्रैक), सीनियर सेक्शन इंजीनियर (ट्रैक), असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर और सीनियर डिविजनल इंजीनियर सस्पेंड किए गए हैं।
- इससे पहले, रेलवे बोर्ड के मेंबर (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद ने हादसे के पीछे लापरवाही की बात एक तरह से मानते हुए घटनास्थल पर पटरियों की मरम्मत के औजार मिलने की बात कही।
- उन्होंने कहा कि जांच से पता चलेगा कि क्या ट्रैक पर बिना इजाजत मेंटनेंस का काम किया जा रहा था।
- वहीं यूपी एटीएस की पड़ताल में रेल हादसे के पीछे किसी तरह की आतंकी साजिश होने की बात सामने नहीं आई है।
- एडीजी एलओ और एटीएस आनंद कुमार ने बताया कि अब तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं जिसमें किसी तरह का टेरर एंगल हो।
- उधर, इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ जीआरपी थाने में आपराधिक आरोपों में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
- हाल (Kalinga Utkal Express derailment) के बरसों में रेलवे बोर्ड के किसी मेंबर के खिलाफ ऐक्शन का यह पहला मामला माना जा रहा है।