एसटीएफ उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय कछुआ तस्करों के गिरोह के 4 सदस्यों को 327 कछुओं सहित इटावा से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।अभियुक्तो के विरूद्व वन डिवीजन, बसरेहर रेंज, इटावा में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9/39डी/48/50/51 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है। तस्करों के कब्जे से 327 कछुए, एक टोयटा एटियास सफेद कलर, 5 अदद मोबाइल फोन, 3 अदद ड्राईविंग लाइसेन्स2159 नगद रुपये बरामद हुए।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ अभिषेक सिंह के निर्देश पर मुख्यालय स्थित एक टीम सत्यसेन, अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में वाइल्ड लाईफ संरक्षण हेतु कार्य कर रही है और अभिसूचना संकलन की कार्यवाही कर रही है। अभिसूचना संकलन के दौरान पता चला कि जनपद इटावा से बड़े स्तर पर विभिन्न प्रजातियों के कछुओ की तस्करी का कार्य किया जा रहा है। यह भी जानकारी हुई कि ऐसे व्यापारी माल बेचने के लिए पश्चिम बंगाल के व्यापारियों के संपर्क में रहते हैं जहाँ से यह माल बांग्लादेश और म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग, मलेशिया आदि देशो में भेजा जाता है।
निरीक्षक राजेश त्रिपाठी के नेतृत्व में एसटीएफ टीम ने अत्यंत परिश्रम से जमीनी सूचना एवं अन्य स्रोतों से अभिसूचना एकत्र की। मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि उत्तराखण्ड के कुछ तस्कर भारी मात्रा कछुओं की तस्करी हेतु जनपद इटावा व आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय तस्करों के साथ मिलकर तैयारी कर रहे हैं तथा मालों की सप्लाई करने जनपद इटावा होते हुए पश्चिम बंगाल टोयटा इटियास सफेद रंग की गाड़ी से जाने वाले है। मुखबिर की इस सूचना को विकसित करते हुए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर वन विभाग की टीम को साथ लेकर आज समय लगभग 04:00 बजे चौपाला थाना चौबिया जनपद इटावा से इस गाड़ी को रोक कर चेकिंग की गयी तो गाड़ी के अन्दर बैठे चार व्यक्ति जिन्होने अपना नाम रामसरन, किशन गोपाल, खोकन मंडल और रक्षक पाल सिंह बताया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ये अभियुक्त एसटीएफ ने किये गिरफ्तार[/penci_blockquote]
1- राम सरन प्रजापति उर्फ फौजी पुत्र सिपाही लाल निवासी सरस्वती बिहार कोपपुर साला थाना फ्रेन्डस कालोनी जनपद इटावा।
2- किशन गोपाल पुत्र गंगा राम निवासी कोपपुरा पोस्ट आईटीआई थाना फ्रेन्डस कालोनी जनपद इटावा।
3- खोकन मण्डल पुत्र अनन्त मण्डल निवासी कृष्णा कालोनी थाना ट्रान्जिट कैम्प रूद्रपुर, उत्तराखण्ड।
4- रक्षपाल सिंह पुत्र मेघ सिंह निवासी आलमपुर हौज थाना सिविल लाईन, इटावा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]11 प्रजातियों का होता है अवैध व्यापार [/penci_blockquote]
वन्य जीव अपराध नियन्त्रण ब्यूरो (WCCV), भारत सरकार की पहल पर एसटीएफ ने पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश में कछुओं की तस्करी पर प्रभावी कार्यवाही की है। भारत में कछुओं की पाई जाने वाली 29 प्रजातियों में 15 प्रजातियाँ उत्तर प्रदेश में पाई जाती है। इनमें 11 प्रजातियों का अवैध व्यापार किया जाता है। यह अवैध व्यापार जीवित कछुए के माँस अथवा पालने (as pet) अथवा कछुएं की कैलिपी (झिल्ली) को सुखा कर शक्तिवर्धक दवा के लिए किया जाता है। कछुओं को Shoft Shell (मुलायम कवच) तथा Hard Shel (कठोर कवच) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। यमुना, चम्बल, गंगा, गोमती, घाघरा, गण्डक आदि नदियों, उनकी सहायक नदियों, तालाबों, Wet Lands आदि में यह दोनोें प्रकार के कछुए बहुतायत में पाए जाते हैं।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”Crime News” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]