उत्तर प्रदेश के मेरठ जिला में दारोगा भर्ती के फिजीकल टेस्ट में एक नौजवान सर के बालो मेंहदी लगाकर दारोगा बनने पहुँचा। नौजवान की लंबाई जरा सी कम थी इसलिए उसने अफसरों के आंखों में धूल झोंकते हुए अपने बालों के बीच गीली मेंहदी छुपा ली। मेरठ में चल रहे फिजीकल टेस्ट में फर्जीवाड़े के अब तक कई मामले आ चुके है।
कानून के पहरूये बनने से पहले ही ठेंगे पर कानून
मेरठ पुलिस लाइन में चल रहे दारोगा भर्ती के फिजीकल नापतौल में जब बुलंदशहर का अंकित अपनी लंबाई नपवाने के लिए मेजर मशीन पर खड़ा हुआ तो सिर के ऊपर रखी प्लेट एकाएक लाल हो उठी। अफसरों की जॉच में उसकी लंबाई पूरी थी, लेकिन तभी एक अफसर की नजर मेजर मशीन पर गयी तो उन्होने अंकित को रोक लिया। उसके बाल चेक किये गये तो ऊपर के बाल सूखे थे और सिर के बीचोंबीच गीली मेंहदी रखी हुई थी। यह देख अफसरों के होश उड़ गये। अफसरों ने अंकित को तत्काल हिरासत में ले लिया। उसका सिर धुलवाने के बाद जब जॉच हुई तो वह दारोगा बनने के लिए अयोग्य था क्योंकि उसकी लम्बाई कम निकली।
दारोगा भर्ती में फर्जीवाड़े पर उतरे नौजवान
अंकित ने तो अफसरों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की लेकिन दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा की पारदर्शिता फिजीकल टेस्ट में सवालों के घेरे में है। बीते दो दिनों में मेरठ में ऐसे कई अभ्यर्थी सामने आये है जिनके फोटो का मिलान तो हो रहा है लेकिन बायोमेट्रिक मशीन पर उनका अँगूठा फेल हो गया। यानी जिस बायोमेट्रिक पहचान से अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी वह अँगूठा अब फिजीकल टेस्ट में उनके अँगूठे की पहचान का सत्यापन नहीं कर रहा है।
मामला गंभीर होने के चलते अफसर मीडिया के सामने चुप है और पूरी जिम्मेवारी पुलिस भर्ती बोर्ड के कंधों पर डाल दी है। यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा में तमाम बंदिशों के बाबजूद बड़ी तादात में सॉल्वर गैंग पकड़े गये। जाहिर है कि दारोगा भर्ती परीक्षा में इन गैंगों की संलिप्तता रही है। इस बात से इंकार करना नामुमकिन है। तो सवाल यह है कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का दावा करने वाली सरकार के अफसर क्या अपनी जिम्मेवारी ठीक से निभा रहे है।
[hvp-video url=”https://www.youtube.com/watch?v=C-HL-icbkJc&feature=youtu.be” poster=”https://www.uttarpradesh.org/wp-content/uploads/2018/06/Untitled-4-copy-44.jpg” controls=”true” autoplay=”true” loop=”true” muted=”false” ytcontrol=”true”][/hvp-video]