विधानसभा में संदिग्ध पदार्थ के PETN होने की पुष्टि को लेकर अभी भी कोई ठोस सबूत नहीं मिले. जाँच को लेकर चल रही बहस के बीच एक और खुलासे में सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया था जब संदिग्ध PETN (suspected petn) की जाँच को लेकर खुलासा हुआ था.
uttarpradesh.org ने इसका खुलासा पहले ही कर दिया था कि जिस किट से PETN की जाँच हुई थी, वो एक्सपायर्ड था. इसकी पुष्टि शासन ने अपनी रिपोर्ट में भी कर दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि FSL हेड श्याम बिहारी उपाध्याय ने सरकार को गुमराह करने का काम किया. डीजीपी सुलखान सिंह ने श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. रिपोर्ट में विभागीय कार्रवाही करने की संस्तुति दी गई है.
एक्सपायरी डेट की किट से टेस्ट कर साबित कर दिया PETN.
रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई:
- एक्सपायर हो चुके किट का प्रयोग करके उपाध्याय ने राज्य पुलिस के मुखिया और सूबे की सरकार को गुमराह किया.
- जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली किट मार्च 2016 में ही एक्सपायर हो चुकी थी.
- FSL डायरेक्टर भ्रम फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें मामले की पूरी जानकारी थी.
एक्सपायरी डेट की किट से की गई थी पाउडर की जांच:
- विधानसभा में संदिग्ध पाउडर पाए जाने के बाद उसे जाँच के लिए भेज दिया गया था.
- लेकिन इस जाँच को लेकर तब सवाल उठे जब आगरा FSL के अनुसार संदिग्ध पदार्थ PETN नहीं था.
- आनन-फानन में इस खबर को नकारते हुए लखनऊ FSL की रिपोर्ट को सही बताया गया था.
- वहीँ लखनऊ FSL को लेकर भी सवाल उठे थे कि जो टीम जाँच में शामिल थी वो अनुभवहीन थी.
- वहीँ FSL चीफ के भ्रष्टाचार में शामिल होने की ख़बरें भी थी.
- इन सभी बातों की पुष्टि रिपोर्ट में हुई और इस आधार पर FSL हेड श्याम बिहारी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति दी गई है.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि आगरा FSL को रिपोर्ट भेजने के मामले में भी अँधेरे में रखा.
- इसी को आधार बनाकर सीएम ने विधानसभा में PETN होने की बात तक कह दी थी.
- अब टेक्निकल सर्विस के डीजी महेंद्र मोदी और यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने श्याम बिहारी उपाध्याय को सस्पेंड करने की मांग की है.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.