गोमतीनगर विस्तार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के गंगा अपार्टमेंट में दरार आने से लोगों में दहशत है। इस अपार्टमेंट का निर्माण करीब पांच साल पहले किया गया था। हमेशा से अपनी लापरवाहियों के कारण चर्चा में रहने वाला एलडीए एक बार फिर मीडिया के शिकंजे में फंस गया है। लगातार की जाने वाली अपनी लापरवाहियों के बाद भी एलडीए अपनी गलतियों से सबक नहीं ले रहा है। हालांकि इससे सरकार और एलडीए के अधिकारियों को कोई फर्क पड़े या न पड़े लेकिन आवंटियों की ज़िन्दगी दहशत के बीच कट रही है। लगातार शिकायतों के बाद भी एलडीए अपनी हरकतो से बाज़ नहीं आ रहा है और इस मामले में अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।
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एलडीए ने नहीं की कोई कार्यवाही
- गोमती नगर कहने को तो vip एरिया है लेकिन यहाँ की समस्यों को देखकर ये कहने में ही संकोच होता है।
- वही यदि हम गोमतीनगर विस्तार की ओर बढ़ते हैं तो एक से एक आलिशान इमारते यहाँ दिखती है।
- लेकिन, इन इमारतों में रहने वाले लोगों को ही ये भी नहीं पता वो जिन घरों में रह रहे है उसकी नीव कितनी मजबूत है।
- एलडीए के गोमतीनगर विस्तार में बने हुए गंगा अपार्टमेंट का हाल तो इन दिनों क़ाफी बुरा है।
- यहाँ पर रहने वाले लोगों को अब हर वक़्त चिंता लगी रहती है की कही कोई छत या दीवार उन पर न गिर जाये।
- ऐसा इसलिए है क्यूंकि कि गंगा अपार्टमेंट की दीवारों में दरारें आ चुकी है जिससे लोग दहशत में हैं।
- बारिश के इस मौसम में जहाँ लोग अपने घरों में सुकून की साँसे लेते हैं वही गंगा अपार्टमेंट के आवंटी परेशान हैं।
- उनको हर समय डर सताता रहता है की किसी दिन उनके परिवार साथ कोई हादसा जाये।
- दिलचस्प बात तो ये है की एलडीए को इस बात की पूरी जानकारी है।
- बावजूद इसके वो अपना काम करने को तैयार ही है।
- एलडीए विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी आँखे मूंदें हुए है।
- उन्हें आवंटियों की कोई चिंता नहीं है।
- आवंटियों द्वारा कई बार इसकी शिकायत करने के बाद भी मामले में एलडीए ने कोई कार्यवाही नहीं की।
मात्र पांच सालों में हो गया बुरा हाल
- आवंटियों का आरोप है की उन्होंने को बार एलडीए एक्सईएन डीसी सचान को इसकी जानकारी दी।
- लेकिन उन्होंने टूट फुट और दरार की जिम्मेदारी दूसरे इंजीनियर पर डालते हुए मामले से अपने को अलग कर लिया।
- वही एक और आवंटी ने कहा की दरारों की वजह से इस अपार्टमेंट वाले परिवार दहशत में जी रहे है।
- पिछले कई दिनों गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही है लेकिन एलडीए आँख मूंदें हुआ है।
- आवंटियों ने बताया की गंगा अपार्टमेंट के जब उन्हें फ्लैट दिए गए थे तब बड़े बड़े वादे किये गए थे।
- उन्हें पूरी गुरंटी के साथ ये फ्लैट सौपे गए थे बावजूद इसके अभी से है।
- आपको बता दें की इन फ्लैट्स को बने हुए अभी मात्रा पांच साल ही हुआ है।
- एलडीए ने इसका कब्ज़ा आवंटियों को 2012 में दिया था।
- पांच वर्षों में ही इसमें तमाम परेशानियां आने लगी है।
- लोगों का कहना है की हम लोगों को कई और ऐसी सुविधाएं नहीं दी गयी जिनकी बात हुई थी।
- हालांकि अब अपार्टमेंट में दरारे आने का मसला बड़ा है और इसकी जांच होनी ही चाहिए।
एलडीए की गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
- आवंटियों का कहना है की महज पांच साल में इस अपार्टमेंट का ये हाल हो गया है।
- ऐसे में एलडीए की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे है लेकिन उसे इसकी भी चिंता नहीं है।
- हम लोगों ने कई बार एलडीए अधिकारियों से की इसकी शिकायत भी की है।
- लेकिन अफ़सोस की अब तक एलडीए की ओर से कोई कार्यवाई नहीं हुए है।
- आपको बता दें की गोमतीनगर विस्तार के इस अपार्टमेंट में कुल 306 फ्लैट्स हैं।
LNT कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कराया था निर्माण
- 306 फ्लैट्स वाले इस अपार्टमेंट का निर्माण LNT कंस्ट्रक्शन कंपनी ने कराया था।
- अब मात्र पांच साल में ही अपार्टमेंट में दरारे आ जाने से LNT कंपनी के भ्रष्टाचार की पोल खुल गयी है।
- वही अधिकारियों का कहना है कि दरारों की जानकारी मिली है।
- इसकी फोटो भी मेरे पास आयी थी जिसे हमने देखा था।
- फोटो देखकर ऐसा लग रहा ब्रिक वर्क और आरसीसी का जॉइंट खुल गया है।
- जो भी उसे ठीक कराया जायेगा , आवंटियों की शिकायत का निराकरण जल्द होगा।
गंगा अपार्टमेंट पर एक नज़र
- गोमती नगर विस्तार स्थित गंगा अपार्टमेंट में कुल 306 फ़्लैट हैं।
- यह अपार्टमेंट 5 ब्लॉक (एफ, एच, जी, जे और आई) में बना है।
- यह अपार्टमेंट 11 मंजिल बना हुआ है।अपार्टमेंट में कोई सोसाइटी नहीं है।
- अपार्टमेंट में स्वीपर, माली, प्लम्बर सफाई कर्मचारी भी नहीं है।
- इसका कारण यह है कि 3 माह से वेतन ना मिलने से सबने काम छोड़ दिया।
- अपार्टमेंट की सुरक्षा के लिए केवल दो सुरक्षा गार्ड मुख्य गेट पर तैनात हैं।
- इसमें एक ड्यूटी सुबह और दूसरे की रात में रहती है।
- सोशल मीडिया पर गंगा अपार्टमेंट में दरार आने का संदेश सोशल मीडिया पर वॉयरल हुआ।
- इसके बाद uttarpradesh.org की टीम ने मौके पर जाकर असलियत पता की।
- हकीकत में पता चला कि पिछले साल जब भूकंप आया था उसी समय की ये दरारें हैं।
- ये दरारें अपार्टमेंट में ब्लॉक एफ और ब्लॉक जी के बीच के हिस्से में हैं।
- यहां रहने वाले लोगों से जब हमारी टीम ने बात करनी चाही तो उन्होंने कोई परेशानी ना होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।