बलात्कार के मामले में जेल में बंद सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत की अर्जी हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी जिसके बाद अब गायत्री प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में यूपी सरकार से जवाब तलब किया है. सुप्रीम से गायत्री प्रजापति ने जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई है. इस मामले पर 16 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

बदला गया था सरकारी वकील

पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में सामूहिक दुराचार व नाबालिग से दुराचार का केस दर्ज है. इस मामले में सरकार की ओर से पैरवी के लिए शासन ने श्रीपाल सिंह को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था. इसके बाद पीड़िता ने प्रमुख सचिव न्याय तथा डीएम लखनऊ को शिकायती पत्र भेजकर बताया कि श्रीपाल सिंह ने उनसे दिनांक रहित प्रार्थनापत्र ले लिए तथा छल-कपट से अपनी नियुक्ति लोक अभियोजक के रूप में करा ली.

सपा सरकार में खनन मंत्री रहे हैं गायत्री प्रजापति

चित्रकूट की रहने वाली महिला ने गायत्री प्रजापति पर बलात्कार के और बेटी के साथ यौन शोषण के आरोप लगाये थे जिसके बाद लखनऊ के गौतमपल्ली में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस को दी गई अर्जी में पीड़िता ने कहा कि उसके पास प्राइवेट वकील है तथा सरकारी वकील भी उसके मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं. इसके पहले पीड़िता ने शिकायती पत्र में विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति को निरस्त करने की मांग की. बता दें कि गायत्री प्रजापति सपा सरकार में खनन मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे. इस दौरान उनपर अवैध खनन कराने के भी कई आरोप लगे थे.

गायत्री प्रजापति ने किया था सरेंडर

समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री पद पर रहे गायत्री प्रजापति इस समय जेल में हैं. पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर गैंगरेप जैसा संगीन अपराध करने का आरोप हैं. गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर महिला ने गैंगरेप करने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ना शुरू हो गयी थी. यूपी चुनाव के समय गायत्री ने जमकर अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रचार किया था, मगर फिर भी वो भाजपा के उम्मीदवार से चुनाव में हार गये थे. पुलिस ने उनकी तलाश के लिए कई जगह छापेमारी की थी मगर गायत्री कहीं नहीं मिले थे. फिर पुलिस ने उसके बेटे क हिरासत में लिया था जिसके बाद गायत्री ने सरेंडर कर दिया था.

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