गायत्री प्रजापति के खिलाफ गैंगरेप मामले में आज सुप्रीप कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया है. ज्ञातव्य हो की निचली अदालत द्वारा गायत्री को ज़मानत दिए जाने पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट का कहना है की आरोप संगीन है इसलिए वो मामले में दखल नही देगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अन्य आरोपी अमरेन्द्र सिंह और विकास वर्मा को भी दो दिन में सरेंडर करने के आदेश दिया है.
लखनऊ हाई कोर्ट ने लगायी रोक:
- बीते 25 अप्रैल को सपा नेता को पाक्सो अदालत से जमानत मिल गयी थी।
- जिसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गायत्री प्रजापति की जमानत पर रोक लगा दी है।
- लखनऊ हाई कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को बदलते हुए जमानत का आदेश ख़ारिज कर दिया है।
- गौरतलब है कि, गायत्री प्रजापति पर एक महिला के साथ गैंगरेप और उसी महिला की नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ के आरोप हैं।
- जिसके बाद पाक्सो अदालत ने सुनवाई के बाद गायत्री को जमानत दे दी थी.
गायत्री प्रजापति के परिवार ने राजभवन में दिया दिया ज्ञापन-
- गैंगरेप मामले के आरोपी गायत्री प्रजापति के परिवार ने बुधवार 3 मई को राजभवन में ज्ञापन सौंपा.
- राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए गायत्री प्रजापति की बेटियां और पत्नी आज राजभवन पहुंची थी.
- इस दौरान बेटियों ने अपने पिता को निर्दोष बताया.
- हालांकि दुबारा मिलने की बात पर राजभवन की तरफ से कहा गया कि परिवार को सूचित कर दिया जायेगा.