जनपद गाजीपुर के डोडसर गांव में शौचालय निर्माण में ऐसा खेल खेला गया कि 72 लाख रूपये कागजों में खर्च कर दिये गये। फिर भी लोगों को शौचालय नसीब नहीं हुआ और जिन्हें नसीब हुआ वो शौचालय प्रयोग के लायक नहीं हैं। डोडसर के ग्राम प्रधान और सचिव से घोटाले के 50 लाख की रिकवरी का आदेश तो हो गया है पर इस घोटाले का दंश गांव के युवा झेल रहे हैं। शौचलय के अभाव में लोग अपनी बेटियां इस गांव में ब्याहने को तैयार नहीं हैं।
शादी के बाद ससुराल जाने से कर दिया था मना
जनपद गाजीपुर में अभी हाल ही में एक दिव्यांग लड़की राजकुमारी का विवाह जैतपुरा गांव में तय हुआ था पर ससुराल शौचालय न होने की वजह से राजकुमारी ने ससुराल जाने से मना कर दिया था। जब मामला मीडिया में आया तो प्रशासन ने आनन-फानन में राजकुमारी के ससुराल में शौचालय का निर्माण करा दिया। पर डोडसर गांव के युवा इतने भाग्यशाली नहीं हैं, क्योंकि कागजों में तो उनको शौचालय मिल ही चुका है। भले ही वो धरातल पर न आया हो।
शौचालय नहीं तो बेटी नहीं
गांव के युवाओं से जब इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि गांव में शौचालय न होने की वजह से हमारी शादी नहीं हो पा रही है। लोग अपनी बेटी हमारे गांव में देने को तैयार नहीं हैं। लोग शादी के लिये आते तो है पर जब उन्हें ये पता चलता है कि हमारे घर में शौचालय नहीं है तो वो वापस चले जाते हैं। इस बारे में जब डीपीआरओ से बात की गयी तो हमेशा की तरह उनका यही कहना था कि मामले की जांच की जायेगी।
ओडडीएफ योजना पर अफसर लगा रहे पलीता
भारत सरकार ओडीएफ योजना के अन्तर्गत हर गरीब परिवार को शौचालय निर्माण का वादा किया, लेकिन अफसरों के द्वारा किए जा रहे घोटाले के कारण आए दिन लोगों में अनहोनी की आशंका भी जताई है। अफसरशाहों द्वारा किए जा रहे इस कदर घोटाल से भी ग्रामीण आहत हैं। कहा कि देर रात गांव की महिलाओं को शौच के लिए गांव के बाहर के खेतों में शौच के लिए जाना पड़ता है। जिस कारण किसी विषैले जंतु का शिकार होने की आशंका जताई जाती है।