राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा पकौड़ा समोसा बेचने की बात पर गाजीपुर में सपाईयों ने गाना गा कर पकौड़ा समोसा बेचकर अपना विरोध जताया। इस दौरान सपाईयों ने “ले लऽ ले लऽ मोदी जी पौकौड़ी ले लऽ मोदी जी आए पकौड़ा बेचवाए, मोदी जी आए जीएसटी ले आए, मोदी जी आए नोटबंदी ले आए, मोदी जी भइले भगौड़ा हो ले लऽ ले लऽ पकौड़ा जी” गाना गा कर विरोध जताया।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेरोजगारों को पकौड़ा बेचने की सलाह दिए जाने पर देशभर में विरोध जताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में भी यह सिलसिला जारी है। सपाईयों ने गाजीपुर में पकौड़े व समोसे बेचकर विरोध जताया। इस बावत समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रभारी अरूण श्रीवास्तव का कहना है कि मोदी जी 2014 में प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा कर सरकार में आए लेकिन सरकार के चार साल बीत जाने के बाद किसी नौजवान को नौकरी नहीं मिली। नौजवानों ने सपना देखा था कि हमें नौकरी मिलेगी तो हम अपने मां-बाप की जरूरत को पूरा करेंगे लेकिन पढ़े-लिखे नौजवानों को पकौड़ा बेचने की सलाह दे रहे हैं इसकी हम निन्दा करते हैं, ये देश की युवाशक्ति का अपमान है, हम इसका विरोध करते हैं।
क्या कहा था अमित शाह ने ?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपना पहला भाषण दिया जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान देश के सबसे ज्वलंत मुद्दा बेरोजगारी पर भी अमित शाह ने बोलते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि भीख मांगने से तो अच्छा है कि कोई मजदूरी कर रहा है, उसकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी तो उद्योगपति बनेगी। बेरोजगारी से अच्छा है पकौड़े बेचकर पैसे कमाना। परिश्रम से पैसे कमाना। आज एक चायवाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री है। स्किल इंडिया, स्टार्टअप, स्टैंडअप और मुद्रा योजना के तहत युवाओं के रोजगार के लिए काम कर रहे हैं।