लखनऊ. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गाजीपुर थाना क्षेत्र स्थित लेखराज मार्केट में बने जिस अत्याधुनिक कॉल सेंटर का उद्घाटन किया था। उसी कॉल सेंटर में पिछले दो माह से सेलरी न मिलने और नौकरी से निकाले जाने की धमकी से आहत होकर सैकड़ों लड़कियों ने जमकर बवाल काटा और काम बंद करके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ कर जमकर नारेबाजी की और सड़क पर उतर आयीं। हंगामा बढ़ते देख मौके पर पुलिस और अधिकारी पहुंच गए जिन्होंने लड़कियों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया।
यह है लड़कियों का आरोप
- हंगामा काट रही लड़कियों का आरोप है कि उन्हें पिछले दो माह से सेलरी नहीं मिली है।
- उन्होंने जानकारी की तो पता चला ऊपर से उनकी सेलरी 14000 रुपये प्रतिमाह आती है लेकिन उन्हें सिर्फ 7130 रुपये ही दिए जाते हैं।
- लड़कियों का आरोप है कि जब उन्होंने सेलरी की मांग की तो अधिकारियों ने उन्हें नौकरी से निकाल देने की धमकी दी।
- गुरुवार सुबह जब वह ऑफिस गईं तो जिम्मेदारों ने उन्हें कार्यालय से भगा दिया।
- इसके विरोध में करीब 250 लड़कियों ने काम बंद करके हंगामा काटना शुरू कर दिया।
‘मेगा कॉल सेंटर’ में 300 सीट की है क्षमता
- 300 सीट वाले इस ‘मेगा कॉल सेंटर’ के माध्यम से यूपी के विभिन्न विभागों में चल रही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के संचालन की व्यवस्था को और बेहतर बनाए जाने और उनका वास्तविक फीडबैक हासिल कर सरकारी योजनाओं का फीडबैक लिया जा रहा है।
- मेगा कॉल सेंटर अपने आप में बेहद अनूठा है।
- योजनाओं के बारे में योजनावार निर्धारित प्रश्नावली-प्रपत्रों पर फीडबैक के आकलन के आधार पर संबंधित विभागों द्वारा आवश्यकता के अनुसार अपनी योजनाओं के संचालन की व्यवस्था में सुधार लाने की कार्रवाई की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश डेवलपमेंट सिस्टम्स कॉरपोरेशन (यूपीडेस्को) को सूचना उपलब्ध करानी होगी।
- काॅल सेंटर की स्थापना के लिए यूपीडेस्को को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
- इस सम्बन्ध में यूपीडेस्को द्वारा सिस्टम इन्टीग्रेटर के चयन की कार्रवाई की जा रही है।
अपने प्रोजेक्ट और प्रोग्राम पर निगरानी के लिए यूपी पहला प्रदेश
- सीएम अखिलेश यादव ने इस कॉल सेंटर के शुभारम्भ के अवसर पर कहा था कि यह ‘मेगा कॉल सेंटर’ पूरी तरह स्वतंत्र फीडबैक सरकार तक पहुंचाएगा।
- परियोजना के अंतर्गत सिस्टम इंटीग्रेटर के चयन और उसके द्वारा मेगा कॉल सेंटर की स्थापना तथा संचालन के किए जाने वाले कार्यों की प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए कन्सल्टेंट संस्था मेसर्स अर्नेस्ट एंड यंग एलएलपी का चयन किया गया है।
- इस तरह से यूपी पहला प्रदेश है, जिसने अपने प्रोजेक्ट और प्रोग्राम पर निगरानी और मूल्यांकन के लिए इतने बड़े पैमाने पर स्वतंत्र इकाई गठित करने की पहल की है।
- आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा इस परियोजना के कार्य के लिए उत्तर प्रदेश डेवलेपमेंट सिस्टम कारपोरेशन्स लिमिटेड (यूपीडेस्को) को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
यह विभाग दें रहे हैं जानकारी
- कॉल सेंटर के जरिये समाज कल्याण विभाग को समाजवादी पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन योजना, माध्यमिक शिक्षा विभाग को लैपटाॅप वितरण, ‘कन्या विद्या धन’, ‘पढ़ें बेटियां और बढ़ें बेटियां’।
- अल्पसंख्यक कल्याण को ‘हमारी बेटी उसका कल’, राजस्व विभाग को कृषक दुर्घटना बीमा, विकलांग जन विकास विभाग को विकलांग पेंशन, श्रम विभाग को साइकिल वितरण की जानकारी देनी है।
- ग्राम विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पशुपालन, राजस्व, कृषि, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, विकलांग जन विकास, श्रम और ऊर्जा विभाग की योजनाओं का फीडबैक हासिल किया जाएगा।
- इसके अलावा प्रदेश सरकार की अन्य प्रमुख योजनाओं जैसे बैट्री पावर्ड मोटराइज्ड़ रिक्शा, साइकिल वितरण, समाजवादी पेंशन, वृद्धावस्था पेंन्शन, लोहिया आवास, विकलांग पेंशन।
- 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा, कृषक दुर्घटना बीमा, सोलर फोटो वोल्टेक इरीगेशन पम्प, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण, कामधेनु, मिनी कामधेनु योजना सहित कुक्कुट नीति।
- मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता के लाभर्थियों को कॉल कर उनसे फीडबैक प्राप्त किया जाएगा।
- सीएम ने टेक्नोलॉजी के माध्यम से लगाई भ्रष्टाचार पर लगाम
- सीएम ने कहा था कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से भ्रष्टाचार पर सपा सरकार ने लगाम लगाई, समाजवादी पेंशन से 55 लाख महिलाओं को लाभ दिया जा रहा है।
- समाजवादी लैपटॉप से विरोधियो को तकलीफ बढ़ी, लैपटॉप खोलने पर नेताजी और मेरी फोटो दिखते ही विरोधी नाखुश होते हैं।
- उन्होंने कहा था कि सपा सरकार ने हर क्षेत्र में काम किया।
- समाजवादी योजनाओं का लाभ जनता को मिले यही सरकार की उपलब्धि होगी।
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