सोमवार को गीता प्रेस प्रबंधन की ओर से बर्खास्त किए गए छह कर्मचारियों ने आत्मदाह करने की कोशिश की। मामला राजघाट थाना क्षेत्र स्थित गीताप्रेस के मेन गेट का है, बर्खास्त कर्मचारियों ने आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि वहां पर पुलिस प्रशासन मौजूद था और जैसे ही कर्मचारियों ने खुद पर मिट्टी का तेल डाला, मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट और पुलिस ने फौरन आत्मदाह की कोशिश कर रहे कर्मचारियों को हिरासत में लिया।
- इस दौरान गीता प्रेस के कर्मचारियों और प्रबंधकों के बीच जमकर हंगामा हुआ। मालूम हो कि गीता प्रेस के प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच बीते एक साल से वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर विवाद चल रहा है।
- पिछले वर्ष दिसम्बर में हुए एक विद्रोह के कारण निकाले गए कर्मचारियों की बहाली जैसे कई मुद्दों पर प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है।
- गौरतलब है कि साल 1923 में स्थापित गीता प्रेस, गोविंद भवन कार्यालय की इकाई है, जो कि सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत है।
- संस्थान के न्यासियों के मुताबिक, इसका मुख्य उद्देश्य गीता, रामायण उपनिषद, पुराण, प्रख्यात संतों के प्रवचन और व्यक्त्वि विकास की अन्य पुस्तकों के सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार के लिए, इन्हें कम दरों पर उपलब्ध कराना है।
- बता दें कि प्रबंधन ने कुछ दिनों पहले 15 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद अपनी बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने आंदोलन छेड़ रखा था।
- वहीं प्रेस प्रबंधन बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं करने जा रहा था, जिसके बाद गीता प्रेस से निकाले गए कर्मचारियों ने आत्मदाह का प्रयास किया।
- कर्मचारियों ने गीता प्रेस प्रबंधन पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुये कर्मचारियों के शोषण करने की बात कही है।
- मौके पर मौजूद सिटी मजिस्ट्रेट अभय मिश्रा ने बताया कि आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को पुलिस ने फिलहाल हिरासत में ले लिया है, और उनसे वार्ता के जरिए हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है।