बैकुंठ एकादशी पर बैकुंठ द्वार से दिए गोदारंगमन्नार ने दर्शन
मथुरा-
उत्तर भारत के विशालतम दक्षिण शैली के सबसे बड़े मन्दिर रँगनाथ मन्दिर में गुरुवार को बैकुंठ एकादशी के अवसर पर बैकुंठ द्वार को खोला गया। ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रंगनाथ माता गोदा के साथ निज मन्दिर से पालकी में विराजमान हो कर बैकुंठ द्वार पहुँचे । जहाँ मंदिर के सेवायत पुजारियों के निर्देशन में पाठ किया गया। करीब आधा घण्टे तक हुए पाठ और अर्चना के बाद भगवान रँगनाथ और शठ कोप स्वामी की सवारी मन्दिर प्रांगड़ में भृमण करने के बाद पौंडानाथ मन्दिर जिसे कहा जाता है कि वह बैकुंठ लोक है में विराजमान हुई। यहां मन्दिर के लोगों ने भगवान को भजन गा कर सुनाए। बैकुंठ द्वार से निकलने की चाह में हजारों भक्त रात से ही मन्दिर परिसर में एकत्रित होना शुरू हो जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना काल होने के कारण मन्दिर प्रबंधन ने भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी। मंदिर प्रबंधन ने यह निर्णय जनहित में लिया। जिसकी बजह से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला। कोरोना काल के कारण करीब 185 वर्ष पुराने रंगनाथ मन्दिर में भक्तों को बैकुंठ एकादशी पर सुबह के समय खुलने वाले बैकुंठ द्वार के दर्शन नहीं हो सके।
Report – Jay