Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

गोमती रिवरफ्रंट घोटाला: पहले मिला टेंडर बाद में रजिस्टर्ड हुई कंपनी,6 कंपनियों को नोटिस

प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद से ही पूर्व सरकार की परियोजनाओं के जांच और घोटालों के खुलासों का दौर शुरू हो गया था.पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली गोमती रिवरफ्रंट पर तो योगी सरकार ने शुरू से ही नज़ारे टेढ़ी की हुई थी. सरकार ने इस प्रोजेक्ट में अनियमितताओं की आशंका को लेकर सरकार ने लगभग 6 महीने पहले ही सीबीआई जांच की सिफ़ारिश की थी.

शुरूआती जांच में हुए चौकाने वाले खुलासे:

ईडी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट का कम उन कंपनियों को दे दिया गया जो पहले से ही ब्लैकलिस्टेड थी.

जांच में यह बात भी सामने आई कि इन कंपनियों को निर्धारित राशि से अधिक का भुगतान कर दिया गया.

भुगतान में बड़ी अनियमितता:

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है की जिन कंपनियों को राशि भुगतान ही नहीं की जानी चाहिए थी.

उन्हें भी निर्धारित दर से अधिक भुगतान किया गया.

सबसे ज्यादा 13 टेंडर  तराई कंस्ट्रक्शन के पास है.

गैमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, केके स्पून पाइप प्राइवेट लिमिटेड, रिशु कंस्ट्रक्शन, हाईटेक कम्पेटेंट बिल्डिर्स प्राइवेट लिमिटेड और तराई कंस्ट्रक्शन के नाम इन कंपनियों में शामिल है. 

पहले दिया ठेका, फिर कंपनी हुई रजिस्टर्ड:

टेंडर पाने वाली केके स्पून कंपनी को पहले इस ड्रीम प्रोजेक्ट में टेंडर दिया गया.

फिर बाद में यह कंपनी सिंचाई विभाग में रजिस्टर्ड हुई.

यह कंपनी मूलभूत योग्यता भी पूरी नहीं करती बावजूद इसके इसे टेंडर दे दिया गया.

इसके अलावा गैमन इंडिया को सबसे ऊंचे दर पर 665 करोड़ पर टेंडर दिया गया.

यह कंपनी पहले से ही डिफाल्टर थी.

गैमन इंडिया को दो ठेके दिए गए.

इस बात को भी दरकिनार कर दिया गया की यह कंपनी कई राज्यों में ब्लैकलिस्टेड है.

जमकर हुआ अनियमितता का खेल:

1513 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट में बगैर काम पूरा किये ही 1437 करोड़ रुपये यानि 95 फ़ीसदी राशि का भुगतान का दिया गया.

शिकायतों के बाद कम पूरा नहीं हुआ.

सपा सरकार में इसकी शिकायत हुई, मगर उस दौरान कोई कार्यवाही नहीं की गई.

जिसके बाद सरकार बदलते ही जांच शुरू हो गई.

बढेंगी कइयो की मुश्किलें:

सामने आये तथ्यों के बाद अब ईडी समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान इस परियोजना से जुड़े अधिकारयों और मंत्रियों से पूछताछ कर सकती है.
शिकायतों की माने तो इस अनियमितता के लिए परियोजना से जुड़े अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता जिम्मेदार है.

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”उत्तर प्रदेश ” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”uttar_pradesh_categories” orderby=”date”]

Related posts

सरकारी स्कूलों में बन्द कर दिए आवारा जानवर

Desk
2 years ago

रामपुर : सपा छात्र सभा के नगराध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

Shashank
6 years ago

गांव फजीहत की नगरिया में 30 वर्षीय युवक की करंट की चपेट में आने से मृत्यु हो गई-विस्तृत रिपोर्ट वीडियो के साथ।।

Desk
2 years ago
Exit mobile version