अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट (Gomti Riverfront) की जाँच के आदेश के बाद इंजीनियरों की मुश्किलें बढ़ गई थीं. इस मामले में 8 लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज हुआ था. वहीँ इन आठों इंजीनियर के बयान के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा.
सम्पत्तियों का ब्यौरा जुटाने की कोशिश:
रिवर फ्रंट में घोटाले की बात सामने आने पर 8 अभियंताओं पर गाज गिरी थी. जिनमें अधीक्षण अभियंता(एसई) (रिटायर्ड) शिव मंगल यादव, तत्कालीन मुख्य अभियंता एसएन शर्मा, मुख्य अभियंता काजिम अली, एसई अखिल रमन, तत्कालीन एसई कमलेश्वर सिंह, अधिशासी अभियंता रूप सिंह यादव, अधिशासी अभियंता सुरेंद्र यादव और मुख्य अभियंता गुलेश चंद शामिल हैं.
- नामजद आठों इंजिनियरों के बयान दर्ज करने के लिए पुलिस नोटिस भेजने का मन बना रही है.
- वहीँ पुलिस अब इनकी सम्पत्ति का ब्योरा जुटाने में जुटी हुई है.
- विभाग के कर्मचारियों व अन्य सूत्रों के जरिए भी इसकी जानकारी हासिल करने की कोशिश जारी है.
- गोमती रिवर फ्रंट में घोटाले के आरोप में 19 जून को 8 इंजीनियरों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में रिपार्ट दर्ज की गई थी.
- इसकी जांच सीओ गोमती नगर सत्यसेन यादव को सौंपी गई है.
बयान दर्ज कराने नहीं आये इंजीनियर:
- एएसपी अनुराग ने बताया आरोपित अफसर बयान दर्ज करवाने नहीं आए हैं.
- लिहाजा उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है.
- मेन एजेंसी गैमन इंडिया के अधिकारियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी है.
- टेंडर से लेकर परियोजना में कितनी बार वित्तीय फेरबदल किया गया, इसपर भी नजर है.
- एलडीए और सिंचाई विभाग से परियोजना से जुड़े दस्तावेज की मूल कॉपी मांगी गई है.
- सभी पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया जायेगा.
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