देश के महान कवि गोपालदास नीरज की पहचान एक ऐसे कवि के रूप में है जिन्होने अपनी कविताओं के जरिये हिन्दी साहित्य को एक नई ऊचाई दी। उनके कलम से लिखे गये गीतोंं ने ना जाने कितनी प्रेम कहानियों को मुकम्मल किया है। गोपालदास नीरज ने अपनी कविताओं मेंं उन शब्दों का प्रयोग किया जिन्हें समझने के लिए हिन्दी भाषा का कोई विशेष ज्ञान आवश्यक नही है। अपनी आसान भाषा शैली की वजह से वो आज भी देश के सबसे ज्यादा पसन्द किये जाने वाले कवियों में से एक बने हुए है।
गोपालदास नीरज की आयू 92 वर्ष की हो चुकी है जिसकी वजह वो आजकल स्वास्थ को लेकर तमाम समस्याओं का सामना कर रहे है। कुछ दिनों से उन्हें सीने मेंं दर्द व सांस फूलने की तकलीफ हो रही थी। रविवार को दिक्कत बड़ने की वजह उन्हें लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। उनका इलाज कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भुवन चंद्र की देखरेख में चल रहा है। उनके इलाज के दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुब्रत चंद्रा भी मौजूद रहे। इलाज कर रहे डॉ.भुवन चंद्र के अनुसार नीरज का नेबुलाइजेशन कराया गया है। इससे सांस लेने में कुछ राहत मिली है। वहीं जांच में ब्लड काउंट बढ़े हुए आए हैं।
जब से गोपालदास नीरज की तबियत खराब होने की खबर मीडिया में आई है तब सेे देश के तमाम बड़े साहित्यकारों का उनके घर आना जाना लगा हुआ है।