मौत का अस्पताल बन चुके गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) कॉलेज में मासूम बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है. गौरतलब हो कि बी.आर.डी मेडिकल कॉलेज में पिछले 50 घंटों में अस्पताल एवं जिला प्रशासन की लापरवाही से 34 बच्चों सहित करीब 60 लोगों की मौत हो चुकी है. इस दौरान आज भी इस अस्पताल में इंसेफेलाइटिस के चलते चार साल के मासूम की मौत हो गई है.
ये भी पढ़ें : क्या ‘Oxygen’ रोकने वाली कंपनी मौतों की जिम्मेदार नहीं?
पूर्वांचल में नही थम रहा इंसेफेलाइटिस का कहर-
- उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस के चलते हर साल बड़ी संख्या में बच्चों हो रही है.
- ख़ास कर पूर्वांचल में जापानी जैपनीज इंसेफेलाइटिस यानी जापानी बुखार अपना कहर बरपा रहा है.
- हालांकि इंसेफेलाइटिस को रोकने के लिए यूपी सरकार द्वारा प्रदेश के 38 जिलों में इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान चलाया गया था.
ये भी पढ़ें :BRD हॉस्पिटल में आज फिर 4 साल के बच्चे की मौत!
- जिसके शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 मई को कुशीनगर में 5 बच्चो को टीका लगा कर की थी.
- लेकिन इंसेफेलाइटिस से लगातार हो रही मौतों ने इस अभियान को पूरी तरह से फेल साबित कर दिया है.
सिर्फ कुशीनगर में ही सामने आ चुके हैं इंसेफेलाइटिस के 37 से ज्यादा मामले-
- बता दें कि टीकाकरण अभियान के बावजूद कुशीनगर में इंसेफेलाइटिस के 37 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं.
- जिन्हें जिला अस्पताल के इंसेफेलाइटिस वार्ड और ICU में भर्ती कराया गया है.
- जिसमें से कई बच्चों की जहाँ मौत हो गई है.
ये भी पढ़ें :वीडियो:SRS मॉल की पॉपकार्न शॉप में मारपीट के साथ जमकर तोड़फोड़!
- वहीँ 13 ज्यादा मरीजों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.
- बता दें कि पूर्वांचल में इस बिमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित कुशीनगर जनपद ही है.
- बता दें कि स्वस्थ्य विभाग इंसेफेलाइटिस को रोकने और उससे ग्रसित बच्चों के बेहतर इलाज का दावा कर रहा है .
ये भी पढ़ें :तलाकशुदा महिलाओं के बच्चों के दी जाए रोज़गार परक ट्रेनिंग-शाइस्ता
- लेकिन इसके बावजूद बीते 6 महीनों में एक दर्जन से ज्यादा बच्चों को गोरखपुर रेफर किया जा चूका है.
- जिनमें से करीब आधा दर्जन बच्चों की मौत हो चुकी है.
- लेकिन हैरानी की बात है कि रेफर किये गए तथा बिमारी से मरने वाले बच्चों को आंकड़े कुशीनगर स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध ही नही हैं.
ये भी पढ़ें :लखनऊ में सिर्फ इन सात लोगों के पास है गाय पालने का लाइसेंस!