2019 के आगामी लोकसभा चुनावों के पहले सभी पार्टियों के लिए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव सीएम योगी के लिए परीक्षा माना जा रहा है. वहीँ गोरखपुर के अलावा फूलपुर में होने वाले चुनाव में डिप्टी सीएम केशव मौर्य की साख भी दाव पर होगी. इन दोनों लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख की केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा घोषणा कर दी गयी है. 11 मार्च को इन सीटों पर चुनाव पर मतदान होंगे जबकि 14 को गिनती का काम होगा. वहीँ चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों की बयानबाजी तेज हो गई है.
इन नामों में से ही चुने जायेंगे उपचुनाव के लिए उम्मीदवार
आज हो सकता है उम्मीदवार का ऐलान
फूलपुर सीट के लिए तैयार पैनल में केशरी देवी पटेल, प्रवीण पटेल, कौशलेंद्र पटेल और केपी श्रीवास्तव के नाम हैं, जबकि गोरखपुर के लिए उपेंद्र शुक्ला, बृजेंद्र सिंह, डाक्टर धर्मेंद्र सिंह और एक अन्य नाम है. गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए भाजपा अपने उम्मीदवारों का ऐलान रविवार को करेगी.
कांग्रेस और सपा ने घोषित किये उम्मीदवार:
कई दिनों के मंथन के बाद कांग्रेस ने मनीष मिश्रा पर भरोसा जताते हुए उन्हें फूलपुर से और सुरहिता करीम को गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया है. जबकि गोरखपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अखिलेश यादव ने इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है. प्रवीण निशाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निशाद के बेटे है.
योगी के उत्तराधिकारी को लेकर होगा फैसला:
गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ का उत्तराधिकारी कौन होगा, इसकी चर्चाएँ जोरों पर हैं लेकिन इसका फैसला भी और कोई नहीं, बल्कि योगी आदित्यनाथ को ही करना है. सियासत के जानकर कहते हैं कि गोरखपुर में प्रत्याशी कोई भी हो वह योगी की पसंद का होगा. संभावना है कि मंदिर या संत समाज से जुड़े किसी व्यक्ति को इस दौड़ में शामिल किया जा सकता है. यह सीट 28 साल (1989) से लगातार मंदिर के पास है. आदित्यनाथ 1998 से लगातार बीजेपी की टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. कई नाम चल रहे हैं लेकिन अभी कुछ कहना अच्छा नहीं होगा. लेकिन पार्टी किसी बाहरी व्यक्ति को भी भेज सकती है. बीजेपी का हाल में चुनावों के दौरान जिस प्रकार प्रत्याशी की घोषणा करने का क्रम सामने आया है, किसी ऐसे व्यक्ति को भी टिकट दिया जा सकता है जो मंदिर से न जुड़ा हो.