मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कर्मस्थली कहे जाने वाले गोरखपुर जिले में स्थित ‘जिला जेल गोरखपुर’ (Gorakhpur Jail) में रविवार से ‘ई-प्रिजन स्कीम’ शुरू हो गई। जेलर आरके सिंह ने बताया कि अपराधियों का डाटा इंटरनेट पर फीड कर लोड कर दिया गया है।
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- इस स्कीम के बाद अब जेल में बंद कैदियों का ऑनलाइन रिकार्ड रखा जायेगा।
- इस रिकॉर्ड के माध्यम से अपराधी का नाम और पता के साथ उसका अपराधिक रिकॉर्ड कहीं भी इंटरनेट पर देखा जा सकेगा।
- बता दें कि ई-प्रिजन स्कीम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में स्थित जेलों को एक दूसरे से जोड़ने का काम किया जा रहा है।
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क्या-क्या होगी सहूलियत
- गोरखपुर जिला जेल के जेलर आरके सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन के बारे में पूरी जानकारी आनलाइन साइट पर उपलब्ध होगी।
- लेकिन इससे जानकारी सिर्फ कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी ही ले सकेंगे।
- इसके लिए एक लॉगिन व पासवर्ड जारी किया गया है।
- सभी बंदियों के हाथ व आंख की स्केनिंग की गई है।
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- जिला जेल में ई-प्रिजन स्कीम के तहत सभी बंदियों का आपराधिक रिकार्ड के साथ ही अंगुलियों के निशान और फोटो फीड कर लिए गए हैं।
- ई-प्रिजन स्कीम से जेल से छूटने के बाद किसी दूसरे जिले में वारदात करने पर अपराधी की शिनाख्त करना आसान हो जायेगा।
- इस योजना के तहत जेल में बंद कैदियों की ऑनलाइन रिकार्ड रखा जायेगा।
गोरखपुर जिला जेल में शुरू हुई ‘ई-प्रिजन स्कीम’, online मिलेगा कैदियों का ब्यौरा
- योजना से अपराधी का नाम और पता के साथ उसका अपराधिक रिकार्ड कही भी इंटरनेट पर देखा जा सकेगा।
- बदमाशों का आपराधिक रिकार्ड अब एक क्लिक पर मिले सकेगा।
- कई बार नाम और पता बदलकर अपराध करने वाले कुख्यात पेशेवर बदमाश अब पुलिस को चकमा नहीं दे पाएंगे।
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- बदमाशों का पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं होने की वजह से पकड़े जाने के बाद वह आसानी से छूट जाते थे।
- ई-प्रिजन स्कीम के तहत डाटा (Gorakhpur Jail) फीड होने के बाद अब इनकी कुंडली देश में कही भी देखी जा सकेगी।
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