उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में MLC चुने जाने के बाद अपने गोरखपुर सांसद के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है, गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 5 बार गोरखपुर के सांसद(gorakhpur MLA seat) चुने गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इलाहाबाद की फूलपुर सीट से बतौर सांसद इस्तीफ़ा दे दिया था। जिसके बाद अगले 6 महीने में गोरखपुर और फूलपुर सीट पर सांसद के उपचुनाव हो सकते हैं।
28 साल पुराना रिश्ता टूटा(gorakhpur MLA seat):
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर के सांसद पद से इस्तीफ़ा दिया था।
- जिसके बाद गोरखपुर सांसद पद से गोरखनाथ धाम का 28 साल पुराना रिश्ता टूट चुका है।
- साल 1989 से गोरखपुर सांसदी की सीट गोरक्षपीठ के पास ही है।
- 1989 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ गोरखपुर से दोबारा चुने गए थे।
- उससे पहले वे 1970 में सबसे पहले यहाँ से सांसद बने थे।
- हालाँकि इसके बाद 4 बार यह सीट अन्य लोगों को मिली थी।
- लेकिन 1989 से यह सीट गोरक्षपीठ के पास ही है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महंत अवैद्यनाथ की तबियत ठीक न होते हुए सांसद पद के लिए आगे किया गया।
- साल था 1998 जब मुख्यमंत्री योगी पहले बार गोरखपुर से सांसद चुने गए।
- जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने गए थे।
कौन संभालेगा मुख्यमंत्री योगी की विरासत(gorakhpur MLA seat):
- मुख्यमंत्री योगी 5 बार गोरखपुर से सांसद चुने जा चुके हैं।
- सिर्फ चुने नहीं गए हैं बल्कि हर बार की जीत में पिछले बार मिले वोटों से अधिक वोट भी उन्हें मिले।
- जिसके बाद सवाल यह उठता है कि, 28 साल बाद इस विरासत का उत्तराधिकारी कौन होगा?
- सूत्रों की मानें तो सांसद पद का दावेदार कोई ऐसा ही व्यक्ति होगा, जिसे पीठ का संरक्षण प्राप्त होगा।
- साथ ही साथ वह व्यक्ति पीठ के महत्व और राजनीतिक भूमिका में सामंजस्य बैठा सके।
- गौरतलब है कि, पीठ के अगले दावेदार का चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही करेंगे।
- ज्ञात हो कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही गोरक्षपीठ के महंत हैं।
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