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गाजीपुर: बारिश में भींगा सरकारी 4000 टन गेहूं

Government 4000 tons wheat destroyed in the rain

Government 4000 tons wheat destroyed in the rain

जिस बारिश का इंतेजार आम लोंगो के साथ साथ किसान बेसब्री से कर रहे थे. उस बारिश ने आज गाज़ीपुर में दस्तक दी तो सबके चेहरे खुशी से दमक गए. लेकिन वहीं गंगौली के सहकारी गेहूं क्रय केंद्र पर लाखों रुपये का हजारों टन गेहूं बारिश में भींग गया.

बारिश में भीगने से सड़ रहा गेंहू:

सरकार द्वारा इन राशन को गोदाम भंडारण के लिए मुकम्मल धनराशि की व्यवस्था अलग से की जा चुकी है.

इस मामले में संबंधित अधिकारियों का कहना है कि गेंहू को गोदामों में रखने की व्यवस्था की जा रही है.

ज्यादातर गेंहू गोदाम में रखा जा चुका है.

जल्द ही बाकी गेंहू भी गोदामो में रखवा दिया जाएगा.

सरकार ने जो पिछले दिनों किसानों को राहत देने के नाम पर गेहू क्रय केंद्र खोला था

और लक्ष्य से अधिक गेंहू की खरीद कि गयी है.

लेकिन अब वही गेहू खुले में बारिश में भीगने के चलते अब सड़ना शुरू कर चुका है.

जिले में अन्न की बेकदरी जारी है. किसानों की खून-पसीने की कमाई रखने के लिए भंडारण की व्यवस्था तक नहीं की गयी है.

खुले में पड़े हुए है गेहूं:

कासिमाबाद क्षेत्र के गंगौली स्थित गेंहू क्रय केंद्र पर चार हजार एमटी गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ भींग रहा है.

उसे प्लास्टिक से ढकने की कोशिश की गई है. लेकिन ढका नहीं जा सका है. बारिश की वजह से गेहूं की बोरियां भी भींग रही हैं.

स्थानीय लोगो की बात माने तो कई दिनों से गेहू भींग रहा है.

हालांकि इसे प्लास्टिक से तोपा गया है.

लेकिन वो पर्याप्त नही है जिससे गेहू सड़ना आरम्भ हो गया है.

पूरे जिले की बात की जाए तो अभी भी विभिन्न क्रय केंद्रों पर 27 हजार एमटी गेहूं डंप पड़ा हुआ है.

हालांकि बरसात से बचाने के लिए अपनी तरफ से संबंधित खरीद एजेंसियों ने कुछ न कुछ व्यवस्था की है.

लेकिन यह ज्यादा कारगर नहीं दिख रहा है.

इस साल हुई गेहूं की रिकार्ड तोड़ पैदावार

अगर बरसात लगातार हुई तो गेहूं का भींगना तय है.

किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की गई.

जो की 15 जून तक हुई. इसके लिए पूरे जिले में 76 क्रय केंद्र खोले गए थे.

इस बार लक्ष्य के सापेक्ष 17 हजार एमटी अधिक गेहूं खरीदा गया.

सबसे बड़ी समस्या गेहूं के भंडारण की फंसी हुई है.

पिछले वर्ष मात्र 39 हजार एमटी गेहूं की खरीद हो पाई थी.

जिससे उसका भंडारण करने में कोई समस्या नहीं आई.

लेकिन इस बार गेहूं की रिकार्ड तोड़ पैदावार हुई.

बाजार से अधिक समर्थन मूल्य होने से सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए किसानों में होड़ लग गई है.

इसका परिणाम यह हुआ कि खरीद समय घटाने के बाद भी लक्ष्य से अधिक गेहूं खरीदना पड़ा.

समय समाप्त होने के बाद भी बहुत से किसान गेहूं बेचने से वंचित रह गए.

वही इस मामले पर जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि पीसीएफ के कुछ केंद्रों पर अभी भी गेहूं पड़ा हुआ है.

लेकिन वह भींग नहीं रहा है. उसे अंदर रखा गया है और गंगौली में कुछ गेहूं भींगा है.

उसे तत्काल उठा लिया जाएगा अगर कहीं बाहर भी गेहूं है तो प्लास्टिक से ढका हुआ है.

गेंहू उठान का कार्य तेजी से चल रहा है.

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