सरकारी इंटर कालेजों की खराब हालत को सुधारनें के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार की क्‍लीन स्‍कूल-ग्रीन स्‍कूल के अर्न्‍तगत शुरू होने वाली स्‍मार्ट क्‍लास की योजना अधर में लटकी हुई है। स्‍मार्ट क्‍लास की शुरूआत कब होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है क्‍योंकि सरकार ने इस योजना के अर्न्‍तगत अभी तक किसी भी प्रकार का बजट लागू नहीं किया है। कई माह बीतने के बाद उत्‍तर प्रदेश सरकार की यह योजना ठंडे बस्‍ते में पड़ी हुई है। सरकार के इसी ढुलमुल रवैये की वजह से प्रदेश के राजकीय कालेज इस बात को लेकर संशय में हैं कि नए सेशन में स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत कब होगी।clean school green school

गौरतलब है कि छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरुक कर स्वच्छता की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने साल 2015- 16 से क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 100 स्‍कूलों को चयनित भी भी किया गया था। क्‍लीन स्‍कूल-ग्रीन स्‍कूल योजना के जरीये राजकीय स्कूलों का रख-रखाव, खेल के मैदान का विकास, फर्नीचर के साथ तकनीकी माध्यम से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कराने के लिए स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की जानी है, जिससे स्टूडेंट्स को स्वच्छ वातावरण में पढ़ाई का मौका मिल सके और उनकी मानसिक एवं शारीरिक क्षमता में बढ़ोत्तरी हो। इसके अलावा स्कूलों में स्वच्छ पेयजल, ओवरहेड टैंक, आरओ वाटर प्यूरीफायर तथा वाटर कूलर की व्यवस्था भी मिलने वाले बजट से की जानी है।

शासनादेश के मुताबिक स्कूलों का चयन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर चयनित समिति की ओर से किया जाना है। इस योजना के लिए जरूरी है कि चयनित स्कूल में न्यूनतम 500 स्टूडेंट्स अध्यनरत हों। इंटरमीडिएट स्तर की क्लासेस नियमित रूप से संचालित हों और आर्ट्स साइंस, कॉमर्स व एग्रीक्लचर में से किन्हीं दो वर्गो की क्लासेस संचालित की जा रही हों।

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