उत्तर प्रदेश पर्यटन की शान बने ताजमल में अब सैलानियों का प्रवेश सीमित संख्या में हो सकता है। 17वीं सदी में बने इस मुगल स्मारक की गूंज देश-विदेश तक फैली हुई है। ताजनगरी उत्तर प्रदेश पर्यटन की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक ताजमहल का दीदार करने पहुंचते हैं।
- अब ताजमहल में सैलानियों के प्रवेश की संख्या सीमित हो सकती है।
- दसअसल, सरकार इस विश्व धरोहर के संरक्षण के लिए भीड़ प्रबंधन योजना पर विचार कर रही है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों ने बताया कि ताजमहल परिसर में सैलानियों के प्रवेश को सीमित करने पर विचार किया जा रहा है।
- एक अधिकारी ने बताया कि ताजमहल के संरक्षण के लिए एएसआई कुछ अहम कदम उठाने जा रही है।
- इस बारे में राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान द्वारा किए जा रहे अध्ययन के आधार पर फैसला किया जाएगा।
- बताया जा रहा है कि स्मारक के दीदार के लिए वर्तमान निर्धारित समय में भी कटौती की जा सकती है।
- ताज के दीदार की नयी समयावधि इसलिए निर्धारित की जा रही है जिससे अधिक लोग ताज का दीदार कर सकें।
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अंतिम रिपोर्ट के बाद होगा फैसलाः
- एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है।
- संस्थान, पहली बार में हमें ताजमहल में पर्यटकों की अनुकूलतम संख्या पर रिपोर्ट देगा।
- अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद हम इसका आंकलन करेंगे।
- जिसके बाद हम स्मारक के लिए पर्यटकों की संख्या सीमित करने पर विचार करेंगे।
- एएसआई ने संस्थान को ताजमहल पर पर्यटकों की गतिविधियों के प्रभाव और पर्यावरणीय प्रभावों के अध्ययन के लिए भी अधिकृत किया है।
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