केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा गाँव के विकास के लिये कई तरह की योजनाएं चलायी जाती हैं। इन योजनाओं पर करोड़ों अरबों का खर्च सरकार द्वारा किया जाता है। कुछ गांव के प्रधान सरकार द्वारा दिये गये इस पैसे से गांव का विकास करते हैं। साथ ही सरकार को अच्छा राजस्व भी देते हैं। वहीं कुछ गांव के प्रधान इस पैसे का सही उपयोग नहीं करते हैं और गांव में विकास देखने को नहीं मिलता है।
सरकार की मंशा थी कि जो ग्राम प्रधान सरकार की योजनाओं को सही रुप से क्रियान्वित करा रहे हैं और गाँव के विकास के साथ ही अच्छा राजस्व भी दे रहे हैं। उनको प्रोत्साहित किया जाये। इसी को ध्यान में रखकर अच्छा काम करने वाली ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार ने उनको करोड़ों का परफॉरमेंस ग्रांट दिया। जिससे अन्य ग्रामपंचायत भी प्रेरणा लें और अच्छा काम करें।
लेकिन सरकार की ये योजना भी भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ गयी। कागजों में हेर फेर करके ऐसे गाँव को परफॉर्मेन्स ग्रांट दिलवा दिया गया जिनका प्रदर्शन ठीक नहीं था। जिन गांव का प्रदर्शन ठीक था और जिनको ये ग्रांट वास्तव में मिलना चाहिये था उनको ये ग्रांट नहीं मिला। ऐसा ही मामला गाजीपुर जिला के सादात ब्लाक दो गाँवों गाई और मिर्जापुर में देखने को मिला।
जब इन दो गाँवों का हमने रियलिटी चेक किया तो करोड़ों के परफॉरमेंस ग्रांट के घोटाले का मामला सामने आया। जनपद के 19 गांवों को सरकार की ओर से परफार्मेंस ग्रान्ट के रूप में 7 करोड़ 84 लाख का बजट दिया गया था। लेकिन फिलहाल में ग्रान्ट में हुये घोटाले की वजह से सभी गाँवों के खाते को सीज कर दिया गया है।
प्रदेश में गांवों के विकास के लिये केन्द्र और प्रदेश सरकार पंचायती राज विभाग के द्वारा अरबों रूपया का बजट देकर गांवो की तस्वीर बदलने का प्रयास कर रही है। लेकिन पंचायती राज विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ ग्राम प्रधान विकास के लिये मिले पैसों का किस तरह से बंदरबांट करते हैं। इसकी बानगी जनपद गाजीपुर के 19 गाँवों में देखने को मिली।
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद, जखनियां भदौरा और सादात के कुल 19 गाँव में वित्तीय वर्ष 2016-17 में परफार्मेंस ग्रान्ट दी गयी। यह राशि 7 करोड़ 84 लाख थी जिसमें से 3 करोड़ 42 लाख 68 हजार रूपये की प्रथम किस्त गाँवों के ग्राम निधि के खातों में भेज भी दी गयी। इन 19 गाँवों में सबसे अधिक राशि एक करोड़ 64 लाख सादात ब्लाक के मिर्जापुर गाँव में भेजी गयी थी।
इसकी जानकारी जब मीडिया को हुई तो सबसे अधिक धनराशि पाने वाले गाँव मिर्जापुर का रियलिटी चेक किया तो यहाँ के ग्राम प्रधान अपने लोगों के द्वारा परफार्मेंस ग्रान्ट से कराये हुये कार्यों का लोकेशन दिखाया। लेकिन ये जिस स्थान को दिखा रहे थे उससे यह साफ हो रहा था कि वह कार्य कई सालों पूर्व के हैं। परफार्मेंस ग्रान्ट से उनका लेना देना नहीं है।
इसके बाद हम पहुँचे सादात ब्लाक के गाई गाँव में जहाँ 37 लाख 57 हजार रूपये उनके ग्राम निधि के खाते में आया था। यहाँ के ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि से जब परफार्मेंस ग्रान्ट के बारे में जानने का प्रयास किया गया तो इनके अनुसार परफार्मेंस ग्रान्ट से गाँव के खड़न्जे के निर्माण की बात कही गयी। लेकिन वो खड़न्जा ऐसी जगह बना था, जहाँ ग्रामीणों का आना जाना ही नहीं है और उसकी शक्ल भी बता रही थी कि वह कई वर्ष पूर्व का बना हुआ है।
इस ग्रान्ट के बारे में जब जिला पंचायत राज अधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने अपना गला फंसते देख कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वहीं जब इस मामले पर मुख्य विकास अधिकारी चंद्र विजय सिंह से बात की गयी तो उन्होंने स्वीकार किया कि ग्रान्ट में घोटाले हुये हैं। जिसकी जाँच शासन स्तर से चल रही है। फिलहाल सभी गांवों के ग्राम निधि के खातों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गयी है।