छात्र जीवन में शिक्षक उसका मार्गदर्शक और पथप्रदर्शक होता है। उसका काम होता है कि वह अपने छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने हेतु ज्ञान से रूबरू कराए और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दे लेकिन जब अध्यापक ही अज्ञानी हों तो बच्चों को क्या शिक्षा मिलेगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के सरकारी विद्यालयों में देखने को मिला जहाँ पर बच्चों को पढ़ाने वाले अध्यापकों का ज्ञान लगभग शून्य है।
17 सितंबर को था सीएम योगी का दौरा :
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आगामी 17 सितम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन का दौरा सम्भावित था और झाँसी जनपद के बड़ागाँव ब्लॉक में स्थित ब्लॉक आफिस सहित थाना बड़ागाँव और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण भी करना था लेकिन व्यस्तताओं के चलते अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन आगामी तिथि तक रदद् हो गया जिसके चलते बीते रोज झाँसी पहुँचे विशेष सचिव व झाँसी के नोडल अधिकारी जयन्त नार्लिकर को झाँसी के बड़ागाँव ब्लॉक स्थित प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल का निरीक्षण करना था।
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अध्यापकों के ज्ञान पर उठ रहे सवाल :
जब आज सुबह इस स्कूल में uttarpradesh.org की टीम पहुँची और शिक्षा की गुणवत्ता को परखा तो सच और ही कुछ निकला। जब हमारी टीम ने प्राथमिक विद्यालय बड़ागाँव की प्रधानाचार्या से उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री का नाम पूछा तो उन्होंने क्या जबाब दिया वो जानकार आप हैरान रह जायेंगे। उन्होंने शिक्षा मंत्री का नाम मालूम नही और मुख्यमंत्री अखिलेश बताया। जब सहायक अध्यापिका से बात की गयी तो उन्होंने भी शिक्षा मंत्री का नाम अनुपमा जायसवाल नाम बताया।
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