राजधानी के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में (Government teachers) असाध्य रोगों से ग्रस्त शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यह बात सामने आई है सरकारी कागजों में। दरअसल, ट्रांसफर से बचने के लिए करीब 150 शिक्षकों ने विभाग को बताया है कि वे जनपद से बाहर जाकर अपना इलाज नहीं करा पाएंगे क्योंकि उन्हें असाध्य रोग है।
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यह है पूरा मामला
- राजधानी में रहने का ऐसा सुरूर सवार है सबको कि वे अपनी जिम्मेदारी से भी भागने को तैयार रहते हैं।
- यह मामला कुछ ऐसी ही नजीर पेश करता नजर आ रहा है।
- दरअसल, शुक्रवार को एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि खुद को असाध्य रोगों से ग्रस्त बताकर कई शिक्षक अपना तबादला रुकवाना चाहते हैं।
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- शिक्षकों ने तबादलों से बचने के लिए विभाग को कुछ ऐसे ही कारण बताए गए हैं।
- शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी पीएम त्रिपाठी को कुछ ऐसे ही कारण बताए गए हैं।
- ऐसे में यह समझ नहीं आता है कि आखिर गांव या पिछड़े क्षेत्रों से यदि लोग ऐसे ही दूरी बनाते रहेंगे तो शिक्षा सर्वसुलभ कैसे होगी।
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- यदि शिक्षक ही ऐसा करेंगे तो नजीर क्या होगी।
- साथ ही, असाध्य रोगियों की इस सूची में युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी शामिल हैं।
- अब विभाग इस पर क्या कार्रवाई करेगा यह तो फिलहाल खुलासा नहीं किया गया है।
- हालांकि, इस बाबत जल्द ही (Government teachers) कोई उचित कदम उठाकर निर्णय लिया जाएगा।
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