संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले बौद्ध भिक्षु डॉ. प्रज्ञानंद (90) का केजीएमयू में बृहस्पतिवार सुबह 11 बजे निधन हो गया था। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राज्यपाल रामनाईक पहुंचे। राज्यपाल ने डॉ. प्रज्ञानंद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान काफी तादात में बौद्ध भिक्षु सहित कई लोग मौजूद रहे। बता दें कि बौद्ध भिक्षु डॉ. प्रज्ञानंद सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने पर 27 नवंबर को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। वहां से उन्हें गांधी वार्ड में शिफ्ट किया गया था। प्रज्ञानंद के निधन से उनके अनुयायियों में शोक की लहर है। जिस समय उन्होंने अंतिम सांस ली उस समय केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार व पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. संतोष समेत अन्य डॉक्टर मौजूद थे। उनके अंतिम दर्शन के लिए कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी अस्पताल पहुंचे थे।
श्रीलंका में हुआ था जन्म
- बता दें कि बौद्ध भिक्षु डॉ. प्रज्ञानंद का जन्म 18 दिसंबर 1927 को श्रीलंका में हुआ था।
- उनके पिता शिक्षक और मां गृहिणी थी। एक बहन और तीन भाइयों में वह सबसे छोटे थे।
- बचपन श्रीलंका में बीता, 1938 में प्रज्ञानंद लखनऊ आ गए थे।
- यहां रिसालदार पार्क के आश्रम में गुरु बोधानंद से मिले।
- बोधानंद ने प्रज्ञानंद को अपने आश्रम में रखा और उन्हें दीक्षा दी।
- बौद्ध भिक्षु के सेवादार सरताज ने बताया कि 14 अप्रैल 1956 को नागपुर में जिन सात भिक्षुओं ने मिलकर डॉ. भीमराव अंबेडकर को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी उनमें से एक प्रज्ञानंद भी थे।
- प्रज्ञानंद ने 29 साल की उम्र में अंबेडकर को दीक्षा दी थी।
- सरताज के अनुसार, प्रज्ञानंद पिछले कई दिनों से अस्वस्थ थे।
इधर चल रही थी जन्मदिन की तैयारी उधर फैली शोक की लहर
- उन्होंने देश भर में प्रचार प्रसार के साथ ही कई हस्तियों को बौद्ध धर्म का अनुयायी बनाया।
- 13 साल की उम्र में 76 साल पहले श्रीलंका से आए प्रज्ञानंद ने लालकुआं स्थित रिसालदार पार्क को अपनी कर्मस्थली बनाया।
- भिक्षु प्रज्ञानंद से मिलने डॉ. भीमराव अंबेडकर 18 अप्रैल 1948 को लखनऊ के रिसालदार पार्क आए और बौद्ध धर्म के बारे में अध्ययन किया।
- बौद्ध धर्म के प्रति डॉ. अंबेडकर का प्रेम देख कर प्रज्ञानंद ने छह अन्य धर्मगुरुओं की मौजूदगी में 14 अक्तूबर 1956 को उनका धर्म परिवर्तन कराया।
- 18 दिसंबर को प्रज्ञानंद का 90 वां जन्म दिवस मनाने की तैयारी चल रही है।
- इस मौके पर रिसालदार पार्क में हर साल उनके अनुयायियों का जमावड़ा लगता है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.