कारगिल युद्ध में हमारी शानदार विजय के उपलक्ष्य में ‘कारगिल विजय दिवस’ पर लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। जहाॅ करगिल युद्ध में शहीद जांबाज रणबाकुरों को पुष्पचक्र अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद जांबाज सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मध्य कमान के वरिष्ठ सेवारत एवं सेवानिवृत सैन्यधिकारियों ने भी युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। पुष्पचक्र अर्पण के पश्चात बिगुलर द्वारा शोक ध्वनि प्रस्तुत की गई एवं शहीद सैनिकों के दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इस अवसर पर राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में परमवीर चक्र विजेताओं के चित्र लगाए जाएं, इससे विद्यार्थियों के भीतर देश प्रेम की भावना जाग्रत होगी।
इससे पहले, सूर्या प्रेक्षागृह में प्रातः आयोजित एक सम्मान समारोह में मध्य कमान के स्टाफ अध्यक्ष ले. जनरल जेके शर्मा ने कारिगल युद्ध में हिस्सा लेनेवाले पराक्रमी सैन्यधिकारियों, जाबांज शहीद सैनिकों के आश्रितों तथा भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। कारगिल युद्ध में भाग लेनेवाली सेना की दो यूनिटों – 13 जैक राइफल्स तथा 141 मीडियम रेजिमेन्ट को सिल्वर स्मारिका एवं 50, 000 रूपया देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ले. जनरल जेके शर्मा ने 14 सैन्यकर्मियों को मध्य कमान के सेनाध्यक्ष का प्रशंसा-पत्र प्रदान किया। इस दौरान सेना पत्नी कल्याण संघ ‘आवा’ की ओर से स्नेह लता भाकुनी ने कारगिल युद्ध की वीर नारियों एवं युद्ध विधवाओं को सम्मानित किया।
वर्ष 1999 का वह ऐतिहासिक दिन जब हमारे भारतीय सेना के जाबांज सैनिकों ने लगातार 60 दिनों की लड़ाई के बाद लद्दाख क्षेत्र से लेकर हिमालय तक अत्यन्त दुर्गम व जोखिम तथा ग्लेशियर से भरे गगनचुंबी चोटियों पर स्थित चौकियों पर सफलता पूर्वक फतेह हासिल की थी। कारगिल युद्ध के इस ऐतिहासिक एवं शानदार विजय के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को पूरे देश में ‘कारगिल विजय दिवस’’ समारोहपूर्वक मनाया जाता है।
भारतीय थल सेना एवं वायु सेना द्वारा चलाये गये आॅपरेशन विजय के तहत पाकिस्तानी सेना एवं आतंकियो/घुसपैठियों को भारतीय क्षेत्र से निकाल फेंका गया था। अपनी उच्च सैन्य परंपराओं का निर्वहन करते हुए भारतीय सेना सदैव अपनी मातृभूमि की रक्षा में तत्पर रही है। इसकी मिसाल भारतीय थल सेना तथा वायु सेना ने विपरीत परिस्थितियों में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए कारगिल युद्ध में विजय पताका फहराकर दिया।
इस युद्ध में 527 जाबांज सैनिक शहीद हो गये वहीं 1363 सैनिक घायल हुए। इस युद्ध में लखनऊ जिले के सपूतों – शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय तथा शहीद मेजर विवेक गुप्ता ने अपनी वीरतापूर्ण कारनामों से न केवल सेना को बल्कि देश को गौरवान्वित किया। इस युद्ध में अप्रतिम शौर्य एवं वीरता का परिचय देने के लिए शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय को राष्ट्र का सर्वोच्च वीरता पदक ‘परम वीर चक्र’ से मरणोपरांत सम्मानित किया गया वहीं शहीद मेजर विवेक गुप्ता को ‘महावीर चक्र’ से मरणोपरांत अलंकृत किया गया।