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मिट्टी की उर्वरा शक्ति को कायम रखने के उद्देश्य से शासन स्तर पर निरंतर प्रयास किये जा रहें हैं। इसमें रसायन खाद के इस्तेमाल को कम करने के लिए जैविक खाद दशकों से बल दिया जा रहा है।
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प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन परिसर में वर्मी कंपोस्ट यूनिट का उद्घाटन किया।
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रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरकता कम होती जा रहीं है। मिट्टी को उर्वरक बनाये रखने के लिए जैविक खाद का प्रयोग अच्छा विकल्प रहेगा।
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राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजभवन में वर्मी कंपोस्ट प्रयोगशाला का शुभारम्भ किया।
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विशेषज्ञों के अनुसार, एक वर्मी कंपोस्ट में अगर एक साल तक दो जानवरों का गोबर नियमित डाला जाता है तो यूनिट चलाने वाले किसान के चार एकड़ खेत के लिए वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है।
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इससे किसान को 10 से 12 हजार रूपये की सालाना बचत हो सकेगी, और फसलों की गुणवत्ता में भी वृद्धि हो सकेगी।
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सरकार प्रदेश के कई जिलों में वर्मी कंपोस्ट यूनिट स्थापित करने के लिए प्रयासरत है, और उम्मीद है कि जल्द ही वर्मी कंपोस्ट रासायनिक खादों की जगह ले लेगी।
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इसके साथ ही राज्यपाल ने राजभवन में उत्तर प्रदेश उद्यान द्वारा विभिन्न पुष्प प्रदर्शनियों से प्राप्त पुरस्कारों का वितरण भी किया।