यूपी सरकार भले ही प्रदेश में शिक्षा का स्तर बढाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हो और वर्तमान शिक्षा में बेहतर से बेहतर सुधार लाने के लिए करोडो रूपये का खर्च कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई देती है. ताज़ा माला उत्तर प्रदेश के मेरठ का है जहाँ सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य सहित अध्यापकों द्वारा स्कूल में पढ़ेने वाले बच्चों से मज़दूरों की तरह काम कराने का मामले प्रकाश में आया है.
ये है पूरा मामला-
- उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए जनता के सामने चाहे लाख दम भर्ती हो.
- लेकिन जमीनी हकीकत इससे उल्लट दिखती है.
- बता दें कि मेरठ में खुद स्कूलों के टीचर और प्रिंसिपल बच्चो के भविष्य को अँधेरे में धकेलने पर तुले हुए हैं.
- दरअसल, मेरठ में लगातार सरकारी स्कूलों में बच्चो से मज़दूरों की तरह काम कराने के मामले सामने आ रहे है.
- आज फिर ऐसा ही एक मामला रजपुरा ब्लॉक के जनता इंटर कॉलेज में देखने को मिला.
- जहाँ अध्यापक खुद खड़े होकर छठवीं कक्षा के छात्रों से सूखे नाले की सफाई करा रहे है.
- बोर्ड परीक्षा का नाम लेकर अध्यापकों ने इन मासूम बच्चो से न केवल सड़क किनारे बना नाले साफ कराया बल्कि आसपास की बाकी तमाम जगह को भी साफ करा दिया.
- uttarpradesh. org के कैमरे में मासूम बच्चो द्वारा कराइ जा रही सफाई की ये तस्वीरें कैद हो गयी.
- जिसे हम आप को भी दिखा रहे हैं.
- बता दें कि वीडियो बनाने के दौरान स्कूल के अध्यापक बुरी तरह बिलबला गए.
- इस संबंध में जब जिला विद्यालय निरीक्षक से बात की गई तो उन्होंने इसे छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताया और विभागीय कार्यवाही के आदेश कर डाले.
- अब देखना ये हे की ये कार्यवाही कब तक चरम पर पहुचेगी.
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