गाजीपुर में कर्मचारी युनियन ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार को चेताते हुए कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति की तीन सूत्रिय मांग को सरकार पूरा नहीं करती है तो जैसे गोरखपुर, फुलपुर और कैराना में सरकार का हश्र हुआ, वैसा ही आने वाले 2019 के चुनाव में भुगतने पड़ेगें।
3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर कर्मचारी:
ग्राम पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारियों के समर्थन में गाजीपुर के कर्मचारी यूनियन भी मैदान में आ चुकी है। कर्मचारियों ने अपनी मांग को लेकर कलमबंद कार्य वहिष्कार कर रहे है।
उन्होंने बताया कि उनकी तीन सूत्रिय मांग पूरी नहीं की जाएगी तबतक कोई काम नहीं किया जाएगा। कर्मचारियों के कार्य वहिष्कार से सरकार की तमाम योजनाओँ प्रभावित होगी और साथ ही आम नागरिक भी परेशान होगा।
सरकार की तमाम योजनाओँ को सुचारु रूप से चलाने में ग्राम सचिवों की सबसे ज्यादा भूमिका होती है। ग्राम सचिवों से सबसे ज्यादा काम लिया जाता है लेकिन सेलरी हम लोगों को चपरासी से मात्र 100 रूपए ज्यादा मिलती है।
एक चपरासी से मात्र 100 रूपए ज्यादा है वेतन:
ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति उत्तर प्रदेश के निर्देश पर तीन सूत्रिय मांग को लेकर 6 जुन से अनिश्चित कालीन कलमबंद कार्य वहिष्कार के समर्थन में गाजीपुर के कर्मचारी भी लामबंद होकर मैदान में उतर चुके है।
कर्मचारियों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि जबतक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तबतक कोई भी काम नहीं किया जाएगा। इस दौरान संगठन के जिला महामंत्री व ग्राम सचिव सुर्यभान राय ने बताया कि जैसे गोरखपुर, कैराना में जो सरकार की हालत हुई वो 2019 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि सरकार की तमाम योजनाओं में ग्राम सचिवों की सबसे ज्यादा भूमिका होती है लेकिन सैलरी के रूप में एक चपरासी से 100 रूपए ज्यादा दी जाती है।
-हम लोगों की तीन सूत्रिय मांगों में पहला सैलरी में पेग्रेड 2800 रूपए से बढ़ा कर 29200 रूपए किया जाए।
-दूसरी मांग ग्राम सचिव की भर्ती के लिए जो योग्यता निर्धारित की गई है उसको स्नातक स्तर पर किया जाए और ट्रीपल सी की जगह ओ लेवल किया जाए।
-तीसरी मांग सीधी भर्ती के सापेक्ष प्रोन्नतीय पद कम से कम 30 फीसदी कर समय से 10 साल पर प्रथम प्रोन्नति 16 साल पर दूसरी और 26 साल पर तीसरी प्रोन्नति किया जाए।
मांगें न पूरी होने पर जल्द आन्दोलन की सम्भावना:
उन्होंने कहा कि ये हम लोगों की जायज मांग है और इस मांग पर सरकार को कोई विशेष भार भी नहीं पड़ेगा। हम लोग जिले के सभी जनप्रतिनिधियों से मिले, उनके तरफ से भी हम लोगों का समर्थन लिखित रूप से मिला हुआ है. उसके बाद भी सरकार हम लोगों की उपेक्षा कर रही है।
वहीं राज्य संयुक्त कर्मचारी परिषद के जिलाध्यक्ष अंबिका दूबे ने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी एक माह से लगातार आंदोलन कर रहे है।लेकिन सरकार की संवेदन हीनता और संवाद हीनता की वजह से पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में क्षोभ है.
कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी जा रही है। यदि मांगे नहीं मानी गई तो कल प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आंदोलन की घोषणा की जाएगी और पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।