राजधानी लखनऊ के बीकेटी विकास खंड के गुलालपुर पंचायत के प्रधान सत्यप्रकाश की प्रधानी छीन ली गई। अब यहां प्रधान का कार्य तीन सदस्यीय टीम देखेगी। प्रधान पर विकास कार्यों को कागजों पर दिखाने के आरोप आरोप है। डीपीआरओ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 से लेकर 2018-19 में राज्य वित्त और 14वें वित्त से करवाए गए विकास कार्यों के नाम पर जमकर धांधली की गई। इसमें तत्कालीन प्रधान और वर्तमान सचिव की भी मिलीभगत रही। लिहाजा तत्कालीन प्रधान भगवती प्रसाद और वर्तमान प्रधान सत्यप्रकाश के खिलाफ सीडीओ ने एफआईआर के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त मनरेगा राजमणि वर्मा को दोनों प्रधानों द्वारा करवाए गए कार्यों के बिल वाउचर की जांच, भौतिक सत्यापन और खुली बैठक संबंधित अन्य मामलों की जांच कर 15 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है। सीडीओ मनीष बंसल ने बताया कि कुछ प्रधानों के खिलाफ और सचिवों के खिलाफ भी विकास कार्यों के धन से अपनी जेबे भरने के आरोप लगे हैं। इनकी भी जांच करवाई जा रही है। जल्द ही उनके खिलाफ भी 15 जी का नोटिस जारी की जाएगी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]कागजों पर ही निर्माण कार्य दिखाकर किया 5 लाख 51 हजार का गबन[/penci_blockquote]
ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से बीकेटी की ग्राम पंचायत गुलालपुर में कागजों पर ही निर्माण कार्य दिखाकर 5 लाख 51 हजार 450 रुपयों को गबन कर लिया गया। मामला वित्तीय वर्ष 2015-16-2016-17 का है। इसके अलावा मिलते जुलते नाम वाले पात्र व्यक्ति की जगह अपात्र को पीएम आवास योजना का लाभ देते हुए धनराशि जारी कर दी गई थी। इसमें तत्कालीन सचिव अशोक यादव, तत्कालीन ग्राम प्रधान भगवती और वर्तमान प्रधान सत्यप्रकाश की संलिप्तता थी। बीडीओ बीकेटी राजीव गुप्ता ने सीडीओ को आठ जनवरी को जांच रिपोर्ट सौंपी। इसमें पाया गया कि गांव के कमलेश के घर के आगे बैजू के घर तक नाली नहीं बनवाई गई। बालिस्टर सिंह के घर से रामचंद्र के घर तक बिना नाली निर्माण करवाए ही 1 लाख 350 रुपयों का गबन किया गया। जमालू के घर से अयाज के घर तक भी बिना नाली निर्माण करवाए ही 86 हजार750 रुपये निकाल लिए गए। ये सभी कार्य राज्य वित्त एवं 14वें वित्त की धनराशि से करवाए दिखाए गए। दो अन्य मामलों में क्रमश:1 लाख 2700 और 72 हजार 750 रुपयों के गबन निर्माण कार्य दिखाकर किया गया पाया गया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बाराबंकी में शौचालय निर्माण में धांधली पर प्रधान और सचिव को नोटिस[/penci_blockquote]
बाराबंकी जिला में हरख की ग्राम पंचायत मिर्जापुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 30 लाख रुपये के 244 शौचालय निर्माण कराए बिना ही रकम हड़पे जाने का मामला सामने आया है। प्रधान व सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। डीपीआरओ अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि मिर्जापुर ग्राम पंचायत में प्रधान रूपरानी यादव और सचिव बृजेश कुमार को 507 शौचालय निर्माण के लिए धनराशि दी गई थी। दोनों ने वेबसाइट पर शौचायलों के निर्माण पूरे हो जाने की सूचना दर्ज करवा दी थी। एडीओ पंचायत नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने 18 जनवरी को गांव में जाकर जांच की तो वहां पर कई खामियां पकड़ी और अधूरे व नहीं बने शौचालयों को पूर्ण करने की नोटिस दी। इसके बावजूद जिम्मेदार नहीं चेते। जांच में पाया गया कि 507 शौचालय में 244 का निर्माण अब तक शुरू ही नहीं किया गया है। इसके अलावा जो निर्माण करवाए गए, उसमें प्लास्टर नहीं करवाया गया है। दीवारें पांच से साढ़े पांच फुट की हैं। पीली ईंटों का प्रयोग किया गया है। डीडीओ केके सिंह ने बताया कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर निलंबन व प्रधान को पद से हटाने की कार्रवाई होगी।
इनपुट – ज्ञानेंद्र
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