महागठबंधन की तैयारी हो रही सूत्रों के अनुसार टिकट बाटवारें को लेकर गठबंधन में रार हो सकती है।
सपा और बसपा दोनों की पहली पसंद रनरअप वाली सीटें।
- जैसा कि अखिलेश पहले ही कह चुकें है कि यूपी में महागठबंधन में काग्रंेस को अलग रखा जाएगा।
- ऐसा में देखना दिलचस्प होगा कि सीटोें के बाटवारे में सपा और बसपा में क्या फाॅमूला हो तय होता है।
- लेकिन सूत्रों के अनुसार यह खबर आ रही है कि सपा हो चाहे बसपा सभी की पहली पसंद रनरअप वाली सीटोें का है।
- वर्ष 2014 में सपा हो या बसपा दोनों ही पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ता था
- टिकट फामूला को 2014 का आधार बनाया जा सकता है अर्थात वह जो सपा या बसपा जहाँ पर पहले स्थान पर थे वह की सीट से वह चुनाव लड़ेगे।
- अगर ऐसा होता है कि पिछले चुनाव में बसपा 34 सीटों पर रनरअप थी।
- वहीं सपा 31 सीटों पर रनरअप थी।
मुस्लिम बाहुलय वाली सीटों पर फस सकता है पेंचः-
- एक ओर जहाँ सपा मुस्लिम वोट को अपने पक्ष में लाना चाहता है वहीं बसपा भी मुस्लिम को अपने पाले में लाने का पूरा प्रयास करेगी।
- पिछली विधान सभा चुनाव में बसपा प्रमुख ने भी मुस्लिम बहुल इलाकों में या यह कह ले कि करीब 100 सीटों पर मुस्लिम मदाताओं को टिकट दिया था
- सपा और बसपा प्रत्याशी वोटों में विखरावा हो गया और फायदा भाजपा को हो गया।
सपा कि सभांवित सीटे- - मैनपुरी, लखनऊ, फैजाबाद गोरखपुर फूलपुर, झांसी, नगीना, बलिया, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, हमीरपुर, बरेली, एटा, बहराइच आदि।
बसपा की सभांवित सीटे- - बुलंदशहर, मुजफ्फरनगराा, हाथरस, आगरा, जालौन, अलीगढ़, अकबरपुर, देवरिया, महराजगंज, षाहजहांपुर, सलेमपु,र, मेरठ, मीरजापुर, आदि।
- दूसरी बात यह भी निकल कर आ रही है कि जिन स्थानों में सपा या बसपा द्वितीय स्थान पर नहीं रही वहा क्या र्फामूला लागू होगा।
- ऐसे स्थानों में जाति समीकरण मायने रखती है तो इन सीटों को बटवारा जाति के आधार पर किया जा सकता। [penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”up news” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”6″ style=”grid” align=”none” displayby=”recent_posts” orderby=”random”]
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