उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिला के ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में मंगलवार रात एक चार मंजिला और एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई। मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। चार मंजिला इमारत में कुछ परिवार रह रहे थे, जबकि निर्माणाधीन बिल्डिंग में कई मजदूर मौजूद थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी एनडीआरएफ ने अभी 3 लोगों की मौत की पुष्टि की है। सभी मजदूर बताए जा रहे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। इस बीच पुलिस ने बिल्डिंग बनाने वाले दोनों बिल्डरों को हिरासत में ले लिया है। रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ टीम के कमांडेंट पी के श्रीवास्तव ने कहा कि खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। ऐसा लग रहा है कि इसमें किसी के बचने की उम्मीद कम है। खोजी कुत्तों की सूंघने की ताकत बहुत अधिक होती है और वह जीवित लोगों तक तुरंत पहुंता देते हैं, लेकिन अब ऐसे संकेत नहीं मिल रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए जांच के आदेश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना के जांच के आदेश दिए। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य का जायजा लिया। केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि अभी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की है, दोषी कौन लोग हैं यह बाद का विषय है। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह से हालात पर बात की। डीजीपी के अनुसार, ‘एनडीआरएफ की टीम, जिला प्रशासन, पुलिस मौके पर मौजूद हैं और मुस्तैदी से राहत कार्य अंजाम दिया जा रहा है।’
3 मजदूरों के शव निकाले गए- आईजी मेरठ
मेरठ रेंज के आईजी राम कुमार ने कहा, ‘मलबे को सावधानी के साथ उठाया जा रहा है, जिससे जो जीवित हैं, उन्हें निकाला जा सके। अभी तक 3 मजदूरों के शव मिले हैं। यह निर्माणाधीन बिल्डिंग है इसलिए फंसे हुए लोगों में भी ज्यादा संख्या मजदूरों के ही होने की संभावना है। स्थानीय लोगों से यही पता चला है कि कुछ मजदूर अपने परिवार के साथ निर्माणाधीन बिल्डिंग में रह रहे थे। अभी 24 घंटे तक और राहत और बचाव कार्य चल सकता है। मेरठ के आईजी ने बताया कि आरोपी बिल्डरों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’
मानकों को ताक पर रखकर बनाई जा रही थी बिल्डिंग
बताया जा रहा है कि इसी जमीन पर कॉलोनाइजर ने अवैध बिल्डिंग का निर्माण किया था। इसमें सेफ्टी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। घटिया निर्माण सामग्री लगाई गई और मानकों का उल्लंघन किया गया। मंगलवार रात यह बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। उस समय बिल्डिंग में काफी मजदूर मौजूद थे। घटना के बाद मौके पर भगदड़ मच गई। आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि मलबे में काफी लोग दबे हुए हैं। घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
बड़ी संख्या में हो रहा अवैध निर्माण
बता दें कि शाहबेरी की जमीन का अधिग्रहण ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किया था। इसके विरोध में ग्रामीण कोर्ट पहुंच गए थे। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शाहबेरी का जमीन अधिग्रहण रद्द कर दिया गया था। इसके चलते बिल्डरों को अपने प्रॉजेक्ट शिफ्ट करने पड़े। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो रहा है। यहां किसानों से जमीन लेकर कई-कई मंजिला इमारतें बना दी गईं हैं। फ्लैट बनाकर लोगों को बेचा जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि यह जमीन ग्रेनो के सेक्टर 4 में है। साथ ही फ्रॉड के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। किसानों ने अभी तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का मुआवजा भी वापस नहीं किया है।
आगामी 24 घंटे तक चलेगा रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि मंगलवार की रात 9 बजे के करीब एक 6 मंजिला और एक 4 मंजिला इमारत ढह गई। पुराने टावर में कम से कम 10 परिवार रहते थे। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ‘एक बिल्डिंग बेहद जर्जर हालत में थी, जबकि दूसरी बिल्डिंग निर्माणाधीन थी।’ संकरी गली होने के कारण एनडीआरएफ की टीम और ऐम्बुलेंस को पहुंचने में भी काफी वक्त लग रहा है। घटनास्थल पर मौजूद काफी मशक्कत के बाद एक जीसीबी और ऐम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई। देर रात करीब 1:30 बजे ही राहत कार्य ठीक तरह से शुरू हो सका। फिलहाल अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन आगामी 24 घंटे तक और चलेगा।