एक तो ट्रेनों में यात्री सुरक्षित नहीं हैं, दूसरे वर्दीधारी ही यात्रियों को लूट रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि इसका खुलासा तब हुआ जब चारबाग जीआरपी के सिपाही (GRP constable) को गिरफ्तार कर लिया। इस लूट में शामिल एक दारोगा अभी फरार है जिसकी तलाश में जीआरपी उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वहीं सिपाही की गिरफ़्तारी के बाद पूरा महकमा शर्मसार हो गया है। साथ ही ये भी तय हो गया कि चोर डकैतों का साथ वर्दीधारी भी दे रहे हैं।
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क्या है पूरा मामला?
- जीआरपी के मुताबिक, पीजीआई थाना क्षेत्र के तेलीबाग निवासी विपिन बाबू सिंह जनसाधारण एक्सप्रेस से देर रात वाराणसी से लखनऊ आए थे।
- रात करीब दो बजे ट्रेन लखनऊ पहुंची तब विपिन बाबू सिंह गहरी नींद में थे।
- चारबाग से ट्रेन चलने के बाद उनकी नींद रात 2:30 बजे खुली।
- उस समय ट्रेन मवैया आउटर से धीमी गति से आगे बढ़ रही थी।
- विपिन बाबू सिंह धीमी गति के कारण चलती ट्रेन से उतर गए।
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- मवैया आउटर पर ही ड्यूटी पर जीआरपी दारोगा जुल्फिकार अली और सिपाही सतीश कुमार की तैनाती थी। दारोगा और सिपाही विपिन बाबू सिंह को बुलाया और चार हजार रुपये छिन लिए।
- दोनों ने कहा कि यदि जीआरपी थाने जाओगे तो वहां रेलवे एक्ट के तहत बंद कर दिया जाएगा।
- देर रात यात्री चारबाग जीआरपी स्टेशन पहुंचा।
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- ड्यूटी अफसर ने उसे यह कहकर भगा दिया कि सुबह आना साहब आएंगे तब ही मामला दर्ज होगा।
- सुबह होते ही यात्री जीआरपी के वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा।
- थाने पर ड्यूटी चार्ट निकालकर सिपाही और दारोगा की शिनाख्त हुई।
- पीड़ित यात्री ने सिपाही की पहचान कर ली।
- जिसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
- जबकि दारोगा अब भी फरार है।
- इंस्पेक्टर जीआरपी (GRP constable) के मुताबिक आरोपी दारोगा की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.