लखनऊ विकास प्राधिकरण से किस्तों पर भूखंड, मकान व लैट आदि खरीदने वालों पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ने वाला है। आपको बता दें कि अब तक जो गया है। उन्हें अब भूखंड की किस्त में गुड्स एंड सर्विस टैक्स भी देना होगा जो 12 प्रतिशत है। अभी तक किस्त पर महज 4.50 फीसद ही सेवाकर लगता था। इस हिसाब से जीएसटी के लागू होने से उन पर 7.50 फीसद अधिक बोझ पड़ेगा।
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बढ़ेगा बोझ
- देश भर में एक जुलाई से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लग गया है।
- हालांकि सीधे तौर पर रियल इस्टेट को इससे अलग रखा गया है।
- बावजूद इसके लखनऊ विकास प्राधिकरण जैसी संस्थाओं से भवन आदि लेने वालों पर इसका बोझ पड़ रहा है।
- मिली जानकारी के अनुसार, एलडीए से जिन मकान, भूखंड व लैट आदि की किस्त चल रही है।
- उन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। अभी तक इस पर 4.50 प्रतिशत सेवाकर लगता है।
- उदाहरणस्वरूप, अगर किसी मकान की किस्त एक हजार है तो उस पर 45 रुपए सेवाकर लगता था।
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- जिसे जोडक़र किस्त 1045 रुपए होती थी लेकिन जीएसटी लगने के बाद अब यह किस्त 1120 रुपए हो जाएगी।
- हालांकि जून माह की किस्त जिसने अभी तक जमा नहीं की है, उसे 31 जुलाई तक का समय दिया गया है।
- इस दौरान किस्त जमा कर देने पर जीएसटी नहीं लगेगा।
- लेकिन इसके बाद किस्त देने पर उस पर भी जीएसटी लग जाएगा।
- एलडीए से बड़ी संख्या में लोगों ने भवन, भूखंड, लैट आदि ले रखे हैं जिनकी किस्त जमा होती है।
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