जीवीके/एमआरआई ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 150 खटारा एम्बुलेंस का शुभारंभ करा डाला। एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) के नाम पर एम्बुलेंस में उपकरणों का भी अभाव रहा। 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर रखने तक की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। एम्बुलेंस के पीछे का दरवाजा तक बंद नहीं हो रहा है।

  • नतीजतन पांच कालीदास से निकलने के बाद एम्बुलेंस सीधे वर्कशाप पहुंच गई।
  • जहां एम्बुलेंस की मरम्मत का शुरू हुआ।
  • मरम्मत के वक्त एम्बुलेंस में जीवनरक्षक उपकरण भी नहीं थे।
  • हालांकि जीवीकेएमआरआई ने किरकिरी से बचने के लिए चिनहट की मोटर कंपनी को काली सूची में डालने का दावा किया है।

चलने से पहले लाखों की एम्बुलेंस का घुटने लगा दम

  • प्रदेश में 102 व 108 एम्बुलेंस सेवा का संचालन जीवीकेएमआरआई कर रही है।
  • गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 150 एएलएस का शुभारंभ किया।
  • समारोह में कई खटारा एम्बुलेंस खड़ी थी। कंपनी के अफसरों ने घालमेल कर एएलएस बेडे में खटारा एम्बुलेंस भी शामिल कर दी।
  • नतीजतन गोमतीनगर पॉलीटेक्नीक पहुंचे ही एम्बुलेंस की सांसें उखड़ने लगी।
  • दो एम्बुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर गिर गए।
  • बाकी कई एम्बुलेंस के दरवाजे खुल गए। खिड़कियों में लगे शीशे हिलने लगे।
  • एक एम्बुलेंस की खिड़की का शीशा चटख गया।
  • ऑक्सीजन सिलेंडर का दरवाजा भी बंद नहीं हो रहा था।
  • खामियों की सूचना पायलटों ने अफसरों को दी।

गुपचुप तरीके से एम्बुलेंस बुलाई वापस

  • एम्बुलेंस में खराबी की खबर मिलते ही कंपनी में सनसनी मच गई।
  • अधिकारियों ने आनन-फानन एम्बुलेंस ठीक कराने का फैसला किया।
  • एम्बुलेंस को चिनहट स्थित जुगल किशोर कार्मिशयल की वर्कशाप में भेज दी गई।
  • 24 घंटे के भीतर एम्बुलेंस ठीक करने को कहा।

जीवनरक्षक उपकरण गायब

  • मरम्मत के लिए वर्कशाप में पहुंची नई 11 एएलएस एम्बुलेंस में जीवनरक्षक उपकरण भी नहीं थे। न तो उसमें वेंटिलेटर थे न ही सक्शन मशीन।
  • ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑटोमेटेड डिफेबरीलेटर, मल्टी पैरा मॉनीटर व फिटल डॉप्लर भी नहीं थे।
  • जो एएलएस एम्बुलेंस की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।
  • मरीजों की एएलएस एम्बुलेंस की सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार हर महीने कंपनी को करोड़ों रुपये चुकाएगी।

विवादों से जीवीके का पुराना नाता

  • जीवीकेएमआरआई का विवादों से पुराना नाता है।
  • कंपनी पर इससे पहले 102 व 108 के संचालन में खामियां मिलने की बात उजागर हो चुकी है।
  • पीडीआर समेत दूसरे दस्तावेजों में घालमेल की बात सामने आई।
  • जिसमें करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जाहिर हुई।
  • पूर्व परिवार कल्याण मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने मामले की जांच के आदेश भी दे रखे थे पर अफसरों ने अखिलेश सरकार के जाते ही फाइलों को दबा दिया।

यह है पूरा मामला

  • प्रदेश में जीवीकेएमआरआई एम्बुलेंस सेवा का संचालन कर रही है।
  • 102 के तहत 2270 एम्बुलेंस का संचालन हो रहा है
  • 108 सेवा के तहत 1488 एम्बुलेंस चल रही हैं।
  • अब 108 के तहत 150 एएलएम एम्बुलेंस चलेंगी।
  • हर महीने 102 एम्बुलेंस सेवा के लिए करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

  • इस मामले में जीवीकेएमआरआई मुख्य परिचालन अधिकारी जितेंद्र वालिया ने बताया कि एम्बुलेंस के शुभारंभ के बाद गाड़ियां अपने-अपने जिलों में जा रही थी।
  • तभी फैजाबाद जा रही 11 एम्बुलेंस में खराबी आ गई।
  • इन एम्बुलेंस में शीशे हिलने लगे, ऑक्सीजन सिलेंडर का दरवाजा व मुख्य पीछे का दरवाजा नहीं बंद हो रहा था।
  • एम्बुलेंस में करीब दो से ढाई लाख रुपये के उपकरण थे।
  • लिहाजा एम्बुलेंस आशियाना कार्यालय मंगाई गई।
  • जीवनरक्षक उपकरण निकाले गए। ताकि उपकरणों के साथ छेड़छाड़ न की जा सके।
  • सभी एम्बुलेंस में जीवनरक्षक उपकरण लगे हैं।
  • जुगल किशोर कार्मिशयल को 24 घंटे के भीतर एम्बुलेंस की सारी परेशानी दूर करने का अल्टीमेटम दिया गया।
  • साथ ही जुगल किशोर कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया है। कंपनी की चूक से ही एम्बुलेंस में खामी पैदा हुई हैं।
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