हाथरस : सूबे की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार चाहे जो भी दावे कर ले। हकीकत लेकिन आज भी उससे जुद है। तमाम एक्शन्स के बाद भी डॉक्टर्स और अधिकार सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी की एक बानगी मंगलवार को भी देखने को मिली। जब हाथरस जिले के जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर मरीज को हॉस्पिटल के बाहर लेकर जाने को खुद डॉक्टर ने कहा और साथ ही परिजनों को ही इलाज का तरीका बता दिया। ऐसे में मरीज घंटों धूप में हॉस्पिटल के बाहर तड़पता रहा लेकिन किसी ने उस पर धयान नहीं दिया।
सीवर टैंक के ऊपर लिटाकर चलता रहा इलाज
- एक बार फिर जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की लापरवाही सामने आयी है।
- हाथरस के जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर मंगलवार को घंटों मरीज को तड़पने के लिए छोड़ दिया।
- मामला ये था की वीरनगर से एक व्यक्ति को जहर खाने के बाद जिला अस्पताल लाया गया था।
- जिला अस्पताल आने के बाद मरीज को लेकर तीमारदार अस्पताल की इमर्जेंसी में दाखिल हुए।
- ऐसे में मरीज को देखते ही डॉक्टर्स ने तीमारदारों से पूछा की क्या परेशानी है।
- तीमारदारों ने जैसे ही डॉक्टर को जहर खाने की बात बताई तो उन्होंने मरीज को अस्पताल के बाहर ले जाने को कहा।
- डॉ.आर के दयाल की ये बात तीमारदारों को पहले समझ में नहीं आयी बाद में डॉक्टर साहब ने तीमारदारों से कहा की वो लोग मरीज को पहले खूब उल्टियां कराये तब इलाज होगा।
- मजबूर तीमारदार डॉक्टर की बात जिला अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर चले गए।
- बहार जगह न होने से मजबूरी में तीमारदारों में मरीज को सीवर टैंक के ऊपर लिटकर उसे उल्टियां करा शुरू किया।
- इमरजेंसी से बाहर ये ड्रामा कई घंटों तक चलता रहा बावजूद इसके मरीज का हाल लेने कोई नहीं आया।
- परिजन भी डॉक्टर के इंतजार में सीवर टैंक के ऊपर लिटाकर मरीज को पानी में नमक घोलकर पिलाते रहे और उल्टियां कराते रहे।
- इस गैर चिकित्सीय इलाज से मरीज की जान को खतरा हो सकता था लेकिन डाक्टरों ने इसकी परवाह नहीं की।
- ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने बेझिझक बताया कि इमरजेंसी के बाहर इस मरीज को उल्टियां कराई जा रही है।
- जबकि तीमारदार हरेंद्र का कहना था की डॉक्टर साहब ने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया।