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कई इलाकों में हो रहा बारूद का धंधा, मौत के मुहाने पर आबादी

Happy Deepawali 2018: Fireworks Crackers Factory in Lucknow

Happy Deepawali 2018: Fireworks Crackers Factory in Lucknow

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला में बुधवार को मंडुआडीह थाना क्षेत्र में लहरतारा आरओबी के समीप तारा देवी के मकान में हुए भयंकर धमाके के बाद विस्फोट के चलते पड़ोसी समेत दो लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। हादसे के बाद परिवार के कई सदस्य मौके से फरार हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि आसपास के आधा दर्जन से अधिक मकानों की दीवारों में दरारें पड़ गईं। विस्फोट की वजह सिलेंडर का ब्लास्ट होना बताया जा रहा है। दबी जुबान से आसपास के लोगों ने मकान में पटाखों का भंडारण भी बताया। वहीं राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में पटाखा का कारोबार तेजी के साथ फल फूल रहा है। लेकिन जिम्मेदार आंख मूंदकर बैठे हुए हैं।

दीपावली में अभी कुछ दिन बाकी होने के कारण जिला प्रशासन कोई कवायद नहीं कर रहा है। यहां पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद चोरी-छिपे पटाखे बनते हैं। ये काम पटाखा कारोबारी घरों व दुकानों में करते हैं। दीपावली पर बिकने वाले सुतली बम इसके प्रमाण हैं, जिस पर न फैक्ट्री का नाम होता, न लाइसेंस संख्या। फिर भी तेज आवाज के नाम पर इनकी खूब खरीद-फरोख्त होती है। तमाम पटाखा बिक्रेताओं पर चोरी-छिपे बारूद मंगा पटाखा बनाने का धंधा करने का आरोप लगता रहा है।

गौरतलब है कि पिछली ऐसी कई घटनाएं हैं, जिनमें पटाखा कारोबार में कइयों की जान चली गई थी। लेकिन फिर भी राजधानी में अवैध पटाखा बनाने का काम जोरों पर चल रहा है। जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, राजधानी के कई इलाकों में बारूद का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। इस संबंध में एसपी ग्रामीण मनोज सोनकर का कहना है कि पुलिस अवैध पटाखा कारोबारियों के विरुद्ध चेकिंग अभियान चला रही है जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जंगलों में कोठरी बनाकर हो रहा बारूद का धंधा[/penci_blockquote]
सूत्रों के मुताबिक, राजधानी के मोहनलालगंज, काकोरी गोसाईगंज, नगराम, मलिहाबाद, सरोजनीनगर समेत कई इलाकों में बारूद का कारोबार हो रहा है। लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी पटखा कारोबारी अपने काम में जुटे हुए हैं। कोई जंगल में कोठरी बनाकर बारूद से खेलता है तो कोई गली-कूचे में पटाखा बनाता है। नतीजन विस्फोट और मौत का सिलसिला शुरू हो जाता है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्रशासन न चेता तो हो सकते हैं विस्फोट [/penci_blockquote]
अब भी प्रशासन नहीं चेता तो शहरी और ग्रामीण इलाकों में पारा और इससे पहले चिनहट, सिसेंडी, काकोरी तथा बंथरा जैसी वारदातें हो सकती हैं। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक तीव्रता वाले पटाखों का अवैध कारोबार आज से नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस और सबंधित विभाग की अनदेखी के चलते पटाखा बनाने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। लिहाजा इन कारोबारियों पर नकेल और पाबंदी लगाने के नाम पर पुलिस-प्रशासन कागजी कोरम तक ही सीमित है, नतीजन हर साल तमाम लोग काल के गाल में समां रहे हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]किसी की जान की परवाह नहीं[/penci_blockquote]
बारूद में खुद का घर उजड़े या पड़ोसी का कारोबारियों को इससे मतलब नहीं। उन्हें तो बस दिवाली के मौके पर मोटी रकम की दरकार है। कारोबारी अपनी जान की परवाह किये बगैर परिवार की महिलाओं को भी बारूद के ढेर पर बिठा देते हैं। पटाखों में विस्फोट होने का खामियाजा बारूद से खेलने वाले तो अपनी जान गंवाते हैं, साथ ही पड़ोसियों को भी मुसीबत में डाल देते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]रोकथाम के लिए नहीं कोई योजना[/penci_blockquote]
कभी पटाखा बनाते समय तो कभी चेक करते वक्त धमाके में जान चली जाती है। फिर भी न पुलिस चेतती और न ही प्रशासन। ऐसे हादसे की रोकथाम के लिए फिलहाल आलाधिकारी के पास न तो कोई योजना है और न ही उसे अंजाम देने का जज्बा। कार्रवाई के नाम पर देखा जाये तो हर साल और हर हादसे के बाद सिर्फ पुलिस के दावे ही रह जाते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इन इलाकों में धड़ल्ले से बन रहे प्रतिबंधित पटाखे[/penci_blockquote]
सूत्रों के मुताबिक, चिनहट,गोसाईगंज, अमेठी, सिसेंडी, काकोरी, रहमतनगर, नगराम, बीकेटी, इटौजा,मलिहाबाद, माल के अलावा चिनहट की सीमा पर बड़े पैमाने पर अवैध पटाखा बनाने का कारोबार हो रहा है। यहां लहसुन बम से लेकर जोरदार धमाके वाले पटाखा धड़ल्ले से बनाये जा रहे हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बारूद के मुहाने पर कुछ शहरी इलाके[/penci_blockquote]
प्रशासन ने थोक दुकानदारों के लिए पूर्व में भीड़भाड़ वाले इलाकों से हटाकर पटाखों की दुकानें बाहरी क्षेत्रों के लिए चिन्हित किया था, लेकिन इसके बावजूद भी व्यस्त इलाके में पटाखों की दुकानें सजी हुई हैं। वह भी यह ऐसा इलाका है, जहां हर समय हजारों लोगों की भीड़ जमा रहती है। अमीनाबाद, यहियागंज, रकाबगंज चौराहा, चौक से लेकर कई जगह बिक्री के पटाखों के गोदाम बने हुए हैं और इन गोदामों में दो-चार पेटी पटाखे नहीं, बल्कि सैकड़ों की संख्या में पेटियां मिलेंगी। बावजूद इसके पुलिस-प्रशासन बेखबर है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वाराणसी में धमाके से दहला इलाका[/penci_blockquote]
वाराणसी में हुए धमाके की फोरेंसिक और एनडीआरएफ की टीमें जांच कर रही हैं। फोरेंसिक टीम को सिलेंडर के अवशेष व बारूद की गंध नहीं मिली थी, विस्फोट की वजह को लेकर संदेह गहरा गया। तारा देवी के बेटे कुणाल व रिंकू घर के समीप ठेला लगाते हैं। दीपावली, होली व अन्य पर्व के मौके पर परिवार पटाखों की दुकान भी लगाता था। तारा देवी के दो मंजिला मकान में भूतल पर परिवार रहता था जबकि प्रथम तल पर दो किरायेदार शाहिद उर्फ शकील व आरिफ रह रहे थे। अचानक पहली मंजिल की छत विस्फोट के साथ भरभराकर गिर पड़ी। मलबे की चपेट में पड़ोस में रहने वाले मेवालाल, आरिफ, शाहिद समेत तारा देवी का परिवार आ गया।

क्षेत्रीय लोगों से सूचना मिलते ही आसपास के थानों की फोर्स के साथ ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई। राहत व बचाव कार्य के लिए पीएसी, सिविल डिफेंस के लोगों को भी बुलाया गया। मलबे में फंसे लोगों को निकालकर ट्रामा सेंटर बीएचयू व मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा ले जाया गया। उपचार के दौरान इलाहाबाद निवासी शाहिद उर्फ शकील (45) व तारा देवी के पड़ोसी मेवालाल गुप्ता (55) की मौत हो गई। विस्फोट के बाद मलबे की जद में आकर घायल आरिफ (45), ङ्क्षरकू (30), सुनीता (35), कुणाल (30), कुणाल की (एक वर्ष) की बेटी विधि, तारा देवी की नातिन चिंकी (12) व सुनीता घायल हो गईं। मलबे की जद में आकर पड़ोस में रहने वाली निर्मला देवी, इंदू देवी भी मामूली चोटिल हुईं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके से जांच के दौरान पटाखों के भंडारण के साक्ष्य मिले हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जांच के बाद हादसे की वजह होगी स्पष्ट[/penci_blockquote]
हादसे के बाद मौके पर आइजी विजय सिंह मीना, डीएम सुरेंद्र सिंह, एसएसपी आंनद कुलकर्णी भी पहुंचे। आईजी विजय सिंह मीना ने कहा कि मकान में विस्फोट के कारणों का पता लगाया जा रहा है। फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है। उधर, डीएम और एसएसपी के आदेश पर जर्जर मकान को जेसीबी की मदद से जमींदोज कर दिया गया।

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