पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हर जगह हिंदी दिवस को लोग अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। हिंदी दिवस की शुभकामनायें संदेश सोशल मीडिया व्हाट्सएप्प, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम सहित कई सोशल साइटों पर लोग एक दूसरे को शेयर करते हैं। भले ही हमारी आजादी के 72 साल बीत गए हों लेकिन हमारी जुबान पर हिंदी से भी ज्यादा अंग्रेजी शब्द आगे रहते हैं। बता दें कि राजभाषा हिंदी विश्व की तीसरी और भारत की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। मगर यह कैसी विडंबना है कि हम भारतीय अपनी भाषा में न जाने कितने विदेशी शब्द बोलते हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
मालूम हो कि आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था और इसके बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रफेसर वाईपी सिंह ने बताया कि हाल ही में कॉमर्स का ‘हेयरकट’ , सामाजिक विज्ञान का ‘क्लबफुट, शब्द हिंदी से जुड़ा है। वहीं, एपी मिश्रा कहते हैं कोई भी भाषा आसान हो ये अच्छा है मगर भाषा की मूल आत्मा नहीं खोनी चाहिए। दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी को आसान बनाने के नाम पर अन्य भाषाओं के शब्दों को मिलाने से हमारी हिंदी आसान नहीं बल्कि एक नई भाषा तैयार हो रही है। जिसका कोई नाम नहीं है।
➡अंग्रेजी शब्द- टाई, स्टेशन, माइक, डायट, ट्रांसपैरेंट, फ्रेंड, रिलेशनशिप, ब्यूटीफुल, क्यूट आदि शब्द हिंदी में बखूबी प्रयोग किए जा रहे हैं।
➡पुर्तगाली शब्द- अचार, चाबी, संतरा, आलपिन, बाल्टी।
➡अरबी शब्द- औरत, अदालत, कानून, कुर्सी, लिफाफा, इज्जत, इलाज, औलाद, हिम्मत, कब्जा, दुनिया, बहस, कमाल, तहसील, आजाद, तराजू, जिला, मुस्लमान, हलुआ, वकील।
➡तुर्की शब्द- कैंची, चम्मच, तोप, बारूद, खंजर, चेचक, बेगम, उर्दू।
➡फ्रेंच शब्द- काजू, कारतूस, मेयर, कूपन, मीनू, सूप।
➡डंच भाषा- तुरूप, बम, चिड़िया।
➡यूनानी शब्द- एकेडमी, एटलस, बाइबिल, टेलिफोन।
➡फारसी शब्द- आदमी, तनख्वाह, चश्मा, बीमार, जमीन, दवा, खून, गुब्बारा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]आजादी के समय भाषा को लेकर था बड़ा सवाल[/penci_blockquote]
मालूम हो कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। देश जब साल 1947 में अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद हुआ था तो देश के सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा एक सवाल खड़ा था। सवाल यह था कि भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी होगी। ये सवाल बेहद अहम था इसलिए काफी विचार करने के बाद हिंदी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा के रूप में चुना गया। संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। हिंदी की खास बात यह है कि इसमें जिस शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है, उसे लिपि में लिखा भी उसी प्रकार जाता है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि इस दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाएगा।
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