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महाशिवरात्रि 2018: मनकामेश्वर मंदिर में होगा चार दिवसीय पर्व

राजधानी लखनऊ के डालीगंज के प्राचीन महादेव मंदिर मनकामेश्वर मठ मंदिर में इस बार चार दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। रविवार पर्व के प्रथम दिन 11 फरवरी को दोपहर 12 बजे बच्चों के लिए ‘हम शिव के शिव हमारे’ विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता होगी। इसके साथ ही महिलाओं के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाने की दिलचस्प प्रतिस्पर्धा होगी। पर्व के दूसरे दिन सोमवार 12 फ़रवरी मंदिर प्रांगण मे महामृत्युंजय पाठ व सांध्यकालीन सोमवार आरती के बाद प्रतियोगिताओं की विजेताओं को पुरस्कार वितरित होंगे। 13 फरवरी मंगलवार प्रदोष व्रत के अवसर पर सायं क़ाल 8 बजे सांध्यकालीन प्रदोष महाआरती के साथ महाशिवरात्रि का आरम्भ हो जाएगा। शिवरात्रि पर बुधवार 14 फरवरी को सुबह 3 बजे भस्म आरती की जाएगी और आदि गंगा गोमती से महाभिषेक किया जाएगा।

आदि गंगा गोमती के 151 लीटर से होगा महादेव का अभिषेक

मठ की महंत देव्यागिरि ने संवाददाताओं को बताया कि शिवरात्रि के सुयोग को देखते हुए इस बार चार दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। वर्तमान में मंदिर का आकर्षक रंगरोगन हो गया है। पूरे मंदिर परिसर को सुंदर बिजली की झालरों से सजाया जा रहा है। खासतौर से भक्तों के लिए मां चन्द्रिका देवी से गोमती का शुद्ध जल मंगवाया गया है। 151 लीटर आदि गंगा के जल से 14 फरवरी को शिवरात्रि को महाभिषेक किया जाएगा। इसके माध्यम से कामना की जाएगी कि मां गोमती स्वच्छ, निर्मल और पावन रहे ताकि शहर के लोग निरोग और स्वस्थ्य जीवन जीये। नमोस्तुते मां गोमती अभियान के तहत लोगों को इस अवसर पर शहर को स्वच्छ रखने का संकल्प भी करवाया जाएगा।

11 फरवरी से शुरू होगा महाशिवरात्रि पर्व

महाशिवरात्रि पर्व रविवार से आरम्भ होगा। उस दिन दोपहर 12 बजे से बच्चों के लिए ‘हम शिव के शिव हमारे’ विषय पर होगी महाशिवरात्रि मनकामेश्वर चित्रकला प्रतियोगिता होगी। यही नहीं महिलाओं के लिए खासतौर से पार्थिव शिवलिंग तैयार करने की दिलचस्प प्रतिस्पर्धा होगी। इस प्रतियोगिता के लिए शनिवार तक प्रतिभागी अपने आवेदन मंदिर मठ परिसर में जमा कर सकते हैं। यह प्रतियोगिता पूरी तरह से निशुल्क होगी।

प्रतियोगिता के विजेताओं को सांध्यकालीन सोमवार आरती के बाद महंत देव्यागिरि सोमवार को पुरस्कृत करेंगी। इस क्रम में मंगलवार को प्रदोष काल होने के चलते शिव का प्रदोष पूजन और अनुष्ठान होंगे। चूंकि इस बार 13 की रात से ही चतुदर्शी लग रही है इसलिए 13 फरवरी की रात दो बजे से ही मंदिर के कपाट खोल दिये जाएंगे। इस अवसर पर खासतौर से मां चंद्रिका देवी मंदिर के पास से लाए गए आदि गंगा मां गोमती का जल वितरित किया जाएगा।

151 लीटर गोमती जल से भोलेनाथ का महा अभिषेक किया जाएगा। महा पुष्प श्रंगार के बाद 14 की ब्रह्म मुहूर्त में सुबह तीन बजे भस्म आरती की जाएगी। इसके बाद देर रात तक भक्तों के लिए कपाट खुले रहेंगे। इस अवसर पर शाम को भजन संध्या होगी। इसमें ध्रुव, पूजा, रघुराज भजनांजलि पेश करेंगे। इस अवसर पर भक्तों द्वारा किये गए चढावे के दूध से खीर का प्रसाद बनवाकर उसका वितरण किया जाएगा। इस बार 151 लीटर दूध से प्रसाद बनवाया जाएगा।

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