इलाहाबाद हाई कोर्ट की (HC asks) लखनऊ बेंच ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा उनके सेवा सम्बन्धी मामलों में फर्जी अभिलेख बना कर प्रताड़ित करने के सम्बन्ध में दी गयी शिकायत को मुख्य सचिव को अपने स्तर पर देखने के निर्देश दिए हैं।
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जस्टिस ने दिया निर्देश
- यह आदेश जस्टिस नारायण शुक्ला तथा जस्टिस वीरेंद्र कुमार द्वितीय की बेंच ने अमिताभ की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर तथा प्रदेश सरकार के अधिवक्ता को सुनने के बाद पारित किया।
- अमिताभ ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर आरोप लगाया था।
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- कि उन्होंने राजनैतिक दवाब में उनके निलंबन संबंधी मामले में अनेक फर्जी अभिलेख तैयार कराये।
- जिनके आधार पर उनका निलंबन दो बार विधिविरुद्ध तरीके से बढ़ाया गया।
- उनके द्वारा बार-बार शिकायत किये जाने पर भी इसकी जांच नहीं की जा रही थी।
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- जिसके बाद उन्होंने यह याचिका दायर किया था।
- कोर्ट ने अमिताभ से कहा कि चूंकि अलोक रंजन अब मुख्य सचिव नहीं हैं।
- अतः वे (HC asks) वर्तमान मुख्य सचिव को अपनी शिकायत दें और मुख्य सचिव उस पर गुण-दोष के आधार पर स्वयं उचित निर्णय लें।
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