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बुलंदशहर के बाद अब गाजीपुर में सिपाही की हत्या

Head Constable Suresh Pratap Vats Killed

Head Constable Suresh Pratap Vats Killed

उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिला में भी पिछले महीने बुलंदशहर में हुयी हिंसा की पुनरावृत्ति हो गई। यहां प्रधानमंत्री रविवार को आये थे। पीएम की रैली के बाद आरक्षण की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना पर बैठे निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उस समय पुलिस के वहन पर पथराव कर दिया जब पीएम की रैली से लौट रहे वाहनों का दबाव बढ़ने पर जाम लग गया था और पुलिस इसे हटवा रही थी।

पुलिस ने भीड़ को रोका तो भीड़ ने एक पुलिस वाहन पर पथराव कर दिया। इसमें एक सिपाही की मौत हो गई। यह हादसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के कुछ घंटों बाद हुआ। इस मामले में 32 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में 22 लोगों को हिरासत में लिया है इनसे पूछताछ कर रही है। इस महीने राज्य में यह दूसरा मामला है, जब भीड़ के हमले में पुलिसकर्मी की मौत हुई। इससे पहले 3 दिसंबर को बुलंदशहर में गोहत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सिपाही की हत्या के बाद पुलिस ने उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

गाजीपुर : ड्यूटी से वापस जा रहे पुलिस कर्मियों पर पथराव से कई पुलिस कर्मी घायल,  एक की मौत

पथराव में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स जख्मी हो गए। अस्पताल जाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई। वत्स प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे और करीमुद्दीनपुर थाने में पदस्थ थे। भीड़ ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ भी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए सिपाही के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसमें मृतक की पत्नी को 40 लाख रुपये, 10 लाख रुपये उनके माता-पिता को दिए जायेंगे। जबकि मृतक सिपाही की पत्नी को असाधारण पेंशन और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। बता दें कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से लौट रहे भाजपा नेताओं के वाहनों पर शुरू में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ईंट-पत्थर फेंका। इससे दोनों पक्षों में कई बार जमकर तकरार भी हुई। किसी को क्या पता था कि ये इतने उग्र हैं कि सुरक्षा में लगे सिपाही को ही मौत के घाट उतार देंगे।

पुलिस के अनुसार, आरक्षण की मांग को लेकर जिले भर के निषाद पार्टी के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर धरना देने आ रहे थे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए उन्हें पुलिसकर्मियों ने जगह-जगह रोक दिया। इससे नाराज कार्यकर्ता सैदपुर, करंडा थाना क्षेत्र के भटौली व नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ मंगई नदी के पुल पर धरने पर बैठ गए। तीसरे पहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा समाप्त हुई और कार्यक्रम में आए लोग लौटने लगे तो कठवामोड़ के पास निषाद पार्टी के र्कायर्कताओं गाजीपुर-मुहम्मदाबाद मार्ग पर जाम लगा दिए।

गाजीपुर : पुलिसकर्मियों पर पथराव की घटना बताते-बताते रो पड़े करीमुद्दीनपुर एसओ सुधाकर राय.

पुलिस विभाग द्वारा जाम खुलवाने के लिए ड्यूटी से थाने लौट रहे करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया। वे पुलिसकर्मियों संग जाम स्थल पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को समझाने लगे। उसी दौरान कार्यकर्ता उग्र हो गए और पथराव करने लगे जिससे भगदड़ मच गई।कार्यकर्ताओं को हटाने गए करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स (48) को शनिवार की शाम पीटकर मार डाला गया। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण वे मौके पर ही बेहोश हो गए। पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को खदेड़कर सुरेश प्रताप को छुड़ाया। लहूलुहान हाल में लेकर जिला अस्पताल आए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे तो आरोपित भाग निकले। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए गहरा दुःख प्रकट किया।

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