प्रदेश सरकार स्वास्थ सुविधाओं में सुधार करने का लगातार दावा कर रही है, लेकिन कितना सुधार है इनके दावो में, इसकी पोल जनपद ग़ाज़ीपुर के 2 स्वास्थ केंद्र जो विभाग की लापरवाही से इन दिनों तबेले में तब्दील होकर अतिक्रमण का शिकार हो गया है वह खोल रहा है। और विभागीय अधिकारी मौन धारण किये हुए है।
तबेले में तब्दील एक स्वास्थ्य केंद्र:
जनपद गाजीपुर का यह उपकेंद्र गौरा है जिसे बने हुए तकरीबन 30 साल हो गए है। यह उपकेंद्र अपने निर्माण के बाद 4 -5 साल तक तो ठीक चला लेकिन उसके बाद से ही यह बदहाली का शिकार हुआ और आज भी बदहाल है। इसका अंदाज़ा इसका भवन देखकर लगाया जा सकता है।पिछले कई साल से इस उपकेंद्र के भवन में जहाँ उपले और जानवरों के चारे रखे जा रहे है वही इसके परिसर में गाय व भैस बधे हुए है। इस केंद्र पर टीकाकरण के लिए एएनएम को भी आये काफी दिन हो गया है। अब ग्रामीण महिलाओं व बच्चों के टिकाकरण के लिए दूसरे गांव के केंद्रों पर जाना पड़ता है या फिर जिला मुख्यालय।
दूसरा स्वास्थ्य केंद्र अतिक्रमण का शिकार:
वही सेवराई तहसील के देवल गांव जहां पर गांव वालों के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ और डॉक्टरों की नियुक्ति कराई गई। लेकिन इस अस्पताल पर भी दबंगो की नजर लग गई है। यहाँ के स्वास्थ केंद्र परिसर में जहाँ लोग ट्रैक्टर या अपना सामान रख अतिक्रमण किये हुए है वही केंद्र के परिसर में में जानवर बांधे गए है और अन्य कमरों में भी समान रख कब्जा किया गया है। इस भवन का मात्र एक कमरा ऐसा है जहां डॉक्टर मरीजो को देखते है।
इन दोनों मामलों में जिलाधिकारी ने तत्काल कारवाई करने की बात कही है।