[nextpage title=”hemant death case” ]

लखनऊ. बीती 15 जुलाई को लखनऊ स्‍थित मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में आग लग गई थी. इस बीच वहां भर्ती एक मरीज जो ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई पर ही जिंदा था उसे डॉक्‍टर्स ने बेड सहित बाहर कर दिया था. देखते ही देखते उस मरीज की मौत(hemant death case) हो गई थी. अपनी इस गलती को छुपाने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्‍टर्स ने तीमारदारों से सारे कागज ले लिए. अब उन्‍हें मेडिकल कॉलेज डेथ सर्टिफिकेट तक जारी नहीं किया जा रहा है. आइए जानें पीड़ित की पूरी कहानी उसी की जुबानी

KGMU की दबंगई(hemant death case):

[/nextpage]

[nextpage title=”hemant death case2″ ]

  • ‘Uttarpradesh.org’ को इस संबंध में मृतक हेमंत कुमार धवन के छोटे भाई राजेश धवन ने जानकारी देते हुए न्‍याय पाने की इस जंग में साथ खड़े होने की अपील की थी.
  • राजेश ने बताया कि उनके बड़े भाइसाहब आलमबाग स्‍थित रेलवे कॉलोनी के स्‍लीपर ग्राउंड के 58 ए में परिवार सहित रहा करते थे.

hemant death case

  • हेमंत रेलवे के लोको विभाग में कार्यरत थे.
  • राजेश ने पूरे प्रकरण के बारे में बताया था कि उसके 38 वर्षीय बड़े भाई हेमंत को बीते माह की 15 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी.]

आगे पढ़ें(hemant death case):

[/nextpage]

[nextpage title=”hemant death case3″ ]

hemant death case

  • हालत बिगड़ने पर परिजनों ने हेमंत को किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में शाम चार बजे के आस-पास भर्ती करा दिया था.
  • बकौल राजेश, वे अपने भाई की जांच के लिए शाम 7:30 बजे के करीब फीस जमा करने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे.
  • इस बीच उन्‍हें पता चला कि ट्रॉमा में आग लग गई है.
  • यह जानकारी मिलते ही वे अपनी भाई के वार्ड की ओर दौड़ पड़े.
  • उन्‍होंने बताया कि हेमंत को ट्रॉमा सेंटर के जनरल वार्ड के इमरजेंसी में भर्ती किया गया था.
  • वहां जाने पर राजेश ने देखा कि उनके ऑक्‍सीजन सप्‍लाई की मदद से जिंदा उनके भाई को डॉक्‍टर्स ने बाहर कर दिया था.
  • राजेश के मुताबिक, उस समय डॉक्‍टर्स ने उन्‍हें बिना किसी ऑक्‍सीजन सिलेंडर लगाए ही गैलरी में कर दिया था.
  • कुछ ही देर में राजेश सहित ट्रॉमा में मौजूद सभी लोगों को सुरक्षा के मद्देनजर बाहर कर दिया गया था.
  • राजेश से कहा गया कि वे अपने भाई को गांधी वार्ड में लेकर जाएं ताकि इलाज सुचारू रूप से शुरू किया जा सके.

आगे पढ़ें(hemant death case):

[/nextpage]

[nextpage title=”hemant death case4″ ]

hemant death case

ऑक्सीजन की कमी से हुई थी मौत(hemant death case):

  • राजेश बताते हैं कि वे अपने मां और एक अन्‍य भाई की मदद से हेमंत को स्‍ट्रेचर पर लिटाकर गांधी वार्ड पहुंचते हैं.
  • वहां पहुंचने पर डॉक्‍टर ने जांच की तो पता चला कि हेमंत की मौत हो चुकी थी.
  • वह ऑक्‍सीजन की कमी के चलते जिंदगी की जंग हार गया था.
  • राजेश बताते हैं कि इस बारे में जब उन्‍होंने ट्रॉमा में सम्‍पर्क किया तो
  • डॉक्‍टर्स ने सबसे पहले उनसे मेडिकल कॉलेज के सारे पेपर्स जमा करा लिए.
  • हालांकि, इस बीच राजेश सभी कागजात की तस्‍वीरें अपने मोबाइल में कैद कर ली थीं.
  • राजेश नहीं जानते थे कि उनसे ये सारे पेपर क्‍यों जमा करवाए जा रहे हैं.
  • नतीजा, ये हुआ कि अब राजेश से बताया जा रहा है कि उक्‍त दिन उस नाम का कोई पेशेंट ट्रॉमा में नहीं मरा था.
  • राजेश के भाई के शव की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट तक एक महीने बाद भी नहीं जारी की गई.
  • डेथ सर्टिफिकेट के लिए भी राजेश मेडिकल कॉलेज के रोज चक्‍कर लगा रहा है.
  • लेकिन, उसे सभी डॉक्‍टर्स एक विभाग से दूसरे विभाग जाने को कहकर टाल दे रहे हैं.
  • राजेश ने ‘Uttarpradesh.org’ को बताया कि उसने इस बारे में राजधानी के जिलाधिकारी से भी गुहार लगाई थी.

hemant death case

  • लेकिन, उन्‍होंने भी सिवाय आश्‍वासन देने के और कोई मदद नहीं की.
  • राजेश कहते हैं कि डेथ सर्टिफिकेट मांगने पर डॉक्‍टर्स उन्‍हें कहते हैं कि
  • उस दिन ट्रॉमा में भर्ती सभी मरीजों के कागज वरिष्‍ठ डॉक्‍टर्स ने अपने पास ले लिए थे.
  • वहीं, जब वह ट्रॉमा के सीनियर डॉक्‍टर्स से डेथ सर्टिफिकेट की मांग करता है तो,
  • उसे बताया जाता है कि उस दिन तो ट्रॉमा में किसी मरीज की डेथ नहीं हुई थी.
  • वे हेमंत के भर्ती होने की बात को ही नकार दे रहे हैं.
  • ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर डॉक्‍टर्स ने हेमंत को बिना ऑक्‍सीजन सिलेंडर के ट्रॉमा सेंटर बाहर क्‍यों निकाल दिया.
  • साथ ही, अब वे हेमंत का डेथ सर्टिफिकेट क्‍यों नहीं जारी कर रहे हैं?

ये भी पढ़ें: तस्वीरें: ट्रॉमा सेंटर पहुंचे CM योगी, आग लगने के कारणों की ली जानकारी!

[/nextpage]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें