उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी का वाटर लेवल गुरुवार रात तक करीब 71.48 मीटर पहुंच गया। शहर के आसपास के सभी इलाकों में पानी भर गया।
- मणिकर्णिका समेत करीब सभी घाट गंगा में डूब गए हैं।
- गंगा के वाटर लेवल में गुरुवार को सुबह से हर एक घंटे में तीन से चार सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- केंद्रीय जल आयोग कें अनुसार गंगा का वाटर लेवल शाम पांच बजे 71.11 मीटर था।
- जो रात्रि 12 बजे तक 71.48 मीटर हो गया।
- 1978 में गंगा का वाटर लेवल 73.90 मीटर था। जो अब तक के रिकॉर्ड सबसे ज्यादा है।
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- वाराणसी में गंगा का वॉर्निंग लेवल- 70.262 और डेंजर लेवल- 71.262 है।
- वाराणसी में गंगा का अब तक हाइएस्ट लेवल- 73.901 है जो साल 1978 था।
- गंगा का लेवल शुक्रवार को खतरे के निशान के पार- 71.48 रहा।
- गंगा के इस रूप से वाराणसी के 84 घाट डूब चुके हैं।
- 5 हजार लोग प्रभावित हुये हैं काशी में जिसमें करीब 30 गांव भी शामिल हैं।
- वाराणसी में 2000 घरों में पूरी तरह से पानी भर गया है।
कैसा है प्रशासन का इंतजाम:
- एडीएम सिटी विन्ध्यवासिनी राय और एसडीएम सदर आर्यका अखौरी ने कहा कि हर जरूरी इंतजाम किया गया है।
- विकास भवन में बाढ़ कंट्रोल रूम बनाया गया बना है, जिसका नंबर 0542-2502562 है।
- बाढ़ से राहत दिलाने के लिये 22 चौकियां बनाई गई हैं।
- साथ ही बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में 20 नाव चलाई जा रही हैं।
- बाढ़ से प्रभावित हुये 1000 लोगों को छात्रावास में ठहराया गया है।
- बनारस में गंगा के खतरे के निशान के पास पहुंचते ही शहर और आसपास के इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है।
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गलियों में हो रहा है अंतिम संस्कार:
- वाराणसी में मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान और हरिश्चंद्र घाट पूरे गंगा नदी में डूबे हुये हैं।
- अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान और हरिश्चंद्र घाट पर ही किए जाते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि मणिकर्णिका घाट विश्व का इकलौता ऐसा श्मशान घाट है जहां 24 घंटे अंतिम संस्कार होता है।
- ऐसा कहा जाता है कि मणिकर्णिका घाट में हुये अंतिम संस्कार में मां पार्वती मृत आत्मा को खुद आंचल में लेती हैं और भगवान शंकर तारक मंत्र देकर मोक्ष प्रदान करते हैं।
- इस स्थिति में अब लोग अंतिम संस्कार गलियों में कर रहे हैं।