2 अप्रैल भारत बंद के दौरान पश्चिमी यूपी में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें कई लोगों की जानें चली गईं थी। वहीं खुफिया विभागों से यूपी में एक बाद फिर हिंसा भड़काने की साजिश का अंदेशा जताया है। जिसके बाद पूरे पश्चिमी यूपी में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। वहीं छुट्टी पर गए पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है एवं सबको ड्यूटी पर पुनः वापस बुला लिया गया है। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस फोर्स, आरएएफ और आरआरएफ भी मंगवाई जा रही है। कंट्रोल रूम को 15 अप्रैल तक एक्टिव रखा गया है। गांव-देहात के इलाकों में पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठकें शुरू कर दी हैं।
अंबेडकर जयंती पर हिंसा भड़काने ही है साजिश
बता दें कि 14 अप्रैल को डा. भीमराव अंबेडकर जयंती है। जिसको लेकर खुफिया विभाग से सूचना मिली है कि जुलूस के दौरान हिंसा भड़क सकती है। इस दौरान भीड़ पुलिस पर हमलावर हो सकती है। जिसकी जानकारी के बाद पुलिस विभाग ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईअलर्ट घोषित कर दिया है। वेस्ट यूपी के सभी पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। जो भी पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर घर जा चुके हैं उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। पुलिस विभाग एलआईयू और आईबी से लगातार सम्पर्क बनाए हुए है। हर छोटी-छोटी जानकारी पर काम किया जा रहा है। पुलिस हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। पुलिस को निर्देश दिया गया है कि बवालियों को चिन्हित किया जाए।
हिंसा में शामिल थे बाहरी युवक
दो अप्रैल को हुए बवाल में बाहरी युवकों द्वारा गोलीबारी की गई थी। जिसमें हरियाणा और दिल्ली नंबर की कारों में कुछ युवक मेरठ शहर में आतंक फैलाए हुए थे और जगह-जगह हमला कर रहे थे। ऐसे में पुलिस इस बार जिले में ऐसे युवकों को भी ट्रेस कर रही है, जो गैर जिले या गैर राज्यों के हैं। मुखबिर तंत्र को इसके लिए एक्टिव किया गया है।
सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर
पुलिस ने सोशल मीडिया लैब से फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर सहित अन्य संचार के साधनों पर नजर बनाए हुए है। ऐसे मैसेज को ट्रेस किया जा रहा है, जिसमें भड़काऊ या 14 अप्रैल को किसी स्थान विशेष पर जमा होने का संदेश दे रहे हैं। ऐसे लोगों को ट्रेस कर कार्रवाई की जाएगी। भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले लोगों के विरूद्ध गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है।